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36 : 69

وَّلَا طَعَامٌ اِلَّا مِنْ غِسْلِیْنٍ ۟ۙ

और उसके खाने के लिए जहन्नमियों के शरीर से निकले हुए पीप के सिवा कोई भोजन नहीं है। info
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37 : 69

لَّا یَاْكُلُهٗۤ اِلَّا الْخَاطِـُٔوْنَ ۟۠

यह भोजन केवल वही लोग खाते हैं, जो गुनहगार और पापी हैं। info
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38 : 69

فَلَاۤ اُقْسِمُ بِمَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ

अल्लाह ने उन चीज़ों की क़सम खाई है, जिन्हें तुम देखते हो। info
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39 : 69

وَمَا لَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ

और उन चीज़ों की भी क़सम खाई है, जिन्हें तुम नहीं देखते हो। info
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40 : 69

اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِیْمٍ ۟ۚۙ

निःसंदेह क़ुरआन अल्लाह की वाणी है, जिसे लोगों के सामने उसका सम्मानित रसूल पढ़कर सुनाता है। info
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41 : 69

وَّمَا هُوَ بِقَوْلِ شَاعِرٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ

यह किसी कवि की वाणी नहीं है। क्योंकि यह कविता के रूप में नहीं है। तुम बहुत कम ईमान लाते हो। info
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42 : 69

وَلَا بِقَوْلِ كَاهِنٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَذَكَّرُوْنَ ۟ؕ

यह किसी काहिन की भी वाणी नहीं है। क्योंकि काहिनों की बात इस क़ुरआन से बिलकुल अलग होती है। तुम बहुत कम शिक्षा ग्रहण करते हो। info
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43 : 69

تَنْزِیْلٌ مِّنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟

बल्कि यह सभी प्राणियों के पालनहार की ओर से उतारा हुआ है। info
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44 : 69

وَلَوْ تَقَوَّلَ عَلَیْنَا بَعْضَ الْاَقَاوِیْلِ ۟ۙ

और यदि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हमपर कोई ऐसी बात गढ़कर लगा देते, जो हमने नहीं कही है। info
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45 : 69

لَاَخَذْنَا مِنْهُ بِالْیَمِیْنِ ۟ۙ

तो निश्चय हम उससे बदला लेते और उसे शक्ति और क्षमता के साथ पकड़ लेते। info
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46 : 69

ثُمَّ لَقَطَعْنَا مِنْهُ الْوَتِیْنَ ۟ؗۖ

फिर निश्चय हम उसकी दिल से मिली हुई नस काट देते। info
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47 : 69

فَمَا مِنْكُمْ مِّنْ اَحَدٍ عَنْهُ حٰجِزِیْنَ ۟

फिर तुममें से कोई भी हमें उससे रोक नहीं सकता। इसलिए उसका तुम्हारी ख़ातिर हमपर कोई बात गढ़कर लगाना बहुत दूर की बात है। info
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48 : 69

وَاِنَّهٗ لَتَذْكِرَةٌ لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟

निःसंदेह क़ुरआन उन लोगों के लिए निश्चय एक उपदेश है, जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, डरने वाले हैं। info
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49 : 69

وَاِنَّا لَنَعْلَمُ اَنَّ مِنْكُمْ مُّكَذِّبِیْنَ ۟

और निःसंदेह हम भली-भाँति जानते हैं कि तुम्हारे अंदर कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस क़ुरआन को झुठलाते हैं। info
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50 : 69

وَاِنَّهٗ لَحَسْرَةٌ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ۟

और निःसंदेह क़ुरआन को झुठलाना निश्चित रूप से क़ियामत के दिन बड़े पछतावे का कारण होगा। info
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51 : 69

وَاِنَّهٗ لَحَقُّ الْیَقِیْنِ ۟

और निःसंदेह क़ुरआन बिलकुल विश्वसनीय सत्य है, जिसके अल्लाह की ओर से होने में कोई शक एवं संदेह नहीं है। info
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52 : 69

فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِیْمِ ۟۠

तो (ऐ रसूल) आप अपने पालनहार को उस चीज़ से पवित्र ठहराएँ, जो उसके योग्य नहीं है। और अपने महान पालनहार के नाम का जप करें। info
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• تنزيه القرآن عن الشعر والكهانة.
• क़ुरआन न तो शेर है, न काहिन की बात। info

• خطر التَّقَوُّل على الله والافتراء عليه سبحانه.
• अल्लाह पर कोई बात गढ़ने और उसपर मिथ्यारोपण करने का खतरा। info

• الصبر الجميل الذي يحتسب فيه الأجر من الله ولا يُشكى لغيره.
• 'अच्छा धैर्य' वह धैर्य है, जिसमें अल्लाह से बदले की उम्मीद रखी जाए और उसके सिवा किसी अन्य के सामने शिकायत न की जाए। info