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50 : 2

وَاِذْ فَرَقْنَا بِكُمُ الْبَحْرَ فَاَنْجَیْنٰكُمْ وَاَغْرَقْنَاۤ اٰلَ فِرْعَوْنَ وَاَنْتُمْ تَنْظُرُوْنَ ۟

और तुम अपने ऊपर हमारी नेमतों में से इसे भी याद करो कि हमने तुम्हारे लिए सागर को फाड़ दिया और उसे तुम्हारे चलने के लिए एक सूखा रास्ता बना दिया। चुनाँचे हमने तुम्हें बचा लिया, और तुम्हारे दुश्मन फ़िरऔन और उसके अनुयायियों को तुम्हारी आँखों के सामने डुबो दिया, जबकि तुम उन्हें देख रहे थे। info
التفاسير:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• عِظَمُ نعم الله وكثرتها على بني إسرائيل، ومع هذا لم تزدهم إلا تكبُّرًا وعنادًا.
• बनी इसराईल पर अल्लाह की नेमतों की महानता और उनकी बहुतायत, इसके बावजूद, इससे केवल उनके अहंकार और हठ में वृद्धि हुई। info

• سَعَةُ حِلم الله تعالى ورحمته بعباده، وإن عظمت ذنوبهم.
• अल्लाह की सहनशीलता और अपने बंदों पर उसकी दया की विशालता, भले ही उनके पाप बहुत बड़े हों। info

• الوحي هو الفَيْصَلُ بين الحق والباطل.
• वह़्य ही सत्य एवं असत्य के बीच निर्णायक है। info