पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद : अजिजुल हक उमरी ।

external-link copy
25 : 37

مَا لَكُمْ لَا تَنَاصَرُوْنَ ۟

तुम्हें क्या हुआ कि तुम एक-दूसरे की सहायता नहीं करते? info
التفاسير: