पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद : अजिजुल हक उमरी ।

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5 : 15

مَا تَسْبِقُ مِنْ اُمَّةٍ اَجَلَهَا وَمَا یَسْتَاْخِرُوْنَ ۟

कोई जाति अपने नियत समय से न आगे बढ़ती है और न वे पीछे रहते हैं। info
التفاسير: