पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद ।

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63 : 5

لَوْلَا یَنْهٰىهُمُ الرَّبّٰنِیُّوْنَ وَالْاَحْبَارُ عَنْ قَوْلِهِمُ الْاِثْمَ وَاَكْلِهِمُ السُّحْتَ ؕ— لَبِئْسَ مَا كَانُوْا یَصْنَعُوْنَ ۟

उनके इमाम (पथ-प्रदर्शक) और विद्वान उन्हें झूठ बोलने, झूठी गवाही देने तथा अवैध रूप से लोगों का धन खाने से क्यों नहीं रोकते? उनके इमामों और विद्वानों का रवैया जो उन्हें बुराई करने से मना नहीं करते, बहुत बुरा है। info
التفاسير:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• ذمُّ العالم على سكوته عن معاصي قومه وعدم بيانه لمنكراتهم وتحذيرهم منها.
• विद्वान की, अपने लोगों के पापों पर चुप रहने, उनकी बुराइयों को स्पष्ट न करने और उन्हें उनसे सावधान न करने पर, निंदा। info

• سوء أدب اليهود مع الله تعالى، وذلك لأنهم وصفوه سبحانه بأنه مغلول اليد، حابس للخير.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के साथ यहूदियों की बे-अदबी (धृष्टता)। क्योंकि उन्होंने अल्लाह का वर्णन इस तरह किया है कि उसका हाथ बँधा हुआ, भलाई को रोकने वाला है। info

• إثبات صفة اليدين، على وجه يليق بذاته وجلاله وعظيم سلطانه.
• अल्लाह के लिए दो हाथों की विशेषता इस तरह से साबित मानना, जो उसके अस्तित्व, उसकी महिमा और उसके महान प्रभुत्व के योग्य है। info

• الإشارة لما وقع فيه بعض طوائف اليهود من الشقاق والاختلاف والعداوة بينهم نتيجة لكفرهم وميلهم عن الحق.
• यहूदियों के कुछ संप्रदायों के अपने कुफ़्र तथा सत्य से दूरी के परिणामस्वरूप रंजिश, मतभेद और आपसी दुश्मनी में पड़ने की ओर संकेत। info