पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद ।

رقم الصفحة:close

external-link copy
17 : 38

اِصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَاذْكُرْ عَبْدَنَا دَاوٗدَ ذَا الْاَیْدِ ۚ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟

(ऐ रसूल!) ये मुश्रिक लोग जो ऐसी बातें कहते हैं, जो आपको पसंद नहीं हैं, उनपर सब्र से काम लें और हमारे बंदे दाऊद को याद करें, जो अपने दुश्मनों से लड़ने की शक्ति रखते थे और अल्लाह के आज्ञापालन पर धैर्य से काम लेते थे। निश्चय वह तौबा करके और अल्लाह को प्रसन्न करने वाले कार्य करके, अल्लाह की ओर बहुत ज़्यादा लौटने वाले थे। info
التفاسير:

external-link copy
18 : 38

اِنَّا سَخَّرْنَا الْجِبَالَ مَعَهٗ یُسَبِّحْنَ بِالْعَشِیِّ وَالْاِشْرَاقِ ۟ۙ

हमने दाऊद अलैहिस्सलाम के साथ पहाड़ों को वशीभूत कर दिया था। जब वह दिन के अंत में और उसकी शुरुआत में सूरज चढ़ने के समय अल्लाह की पवित्रता का गान करते थे, तो वे भी उनके साथ पवित्रता का गान करते थे। info
التفاسير:

external-link copy
19 : 38

وَالطَّیْرَ مَحْشُوْرَةً ؕ— كُلٌّ لَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟

और हमने हवा में एकत्र पक्षियों को वशीभूत कर दिया था। सभी आज्ञाकारी थे, उनके अधीन होकर पवित्रता का गान करते थे। info
التفاسير:

external-link copy
20 : 38

وَشَدَدْنَا مُلْكَهٗ وَاٰتَیْنٰهُ الْحِكْمَةَ وَفَصْلَ الْخِطَابِ ۟

और हमने उन्हें रोब दबदबा, शक्ति और उनके दुश्मनों पर विजय प्रदान करके, उनके राज्य को मज़बूत किया। तथा हमने उन्हें नुबुव्वत और उनके मामलों में यथार्थता प्रदान किया, तथा हमने हर इरादे में उन्हें संतोषजनक कथन शक्ति, तथा भाषण और फैसले में निर्णायकता प्रदान किया। info
التفاسير:

external-link copy
21 : 38

وَهَلْ اَتٰىكَ نَبَؤُا الْخَصْمِ ۘ— اِذْ تَسَوَّرُوا الْمِحْرَابَ ۟ۙ

और (ऐ रसूल!) क्या आपके पास दो झगड़ने वालों की खबर आई, जब वे दाऊद अलैहिस्सलाम के पास उनके उपासना स्थल में चढ़ आए। info
التفاسير:

external-link copy
22 : 38

اِذْ دَخَلُوْا عَلٰی دَاوٗدَ فَفَزِعَ مِنْهُمْ قَالُوْا لَا تَخَفْ ۚ— خَصْمٰنِ بَغٰی بَعْضُنَا عَلٰی بَعْضٍ فَاحْكُمْ بَیْنَنَا بِالْحَقِّ وَلَا تُشْطِطْ وَاهْدِنَاۤ اِلٰی سَوَآءِ الصِّرَاطِ ۟

जब वे दोनों अचानक दाऊद अलैहिस्सलाम के पास आए, तो वह उनके इस तरह अचानक और अपरिचित तरीक़े से प्रवेश करने से घबरा गए। जब उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि दाऊद अलैहिस्सलाम डर गए हैं, तो उन्होंने कहा : डरिए नहीं। क्योंकि हम दो झगड़ने वाले हैं, हममें से एक ने दूसरे पर अत्याचार किया है। अतः आप हमारे बीच न्याय के साथ फैसला कर दें और जब आप हमारे बीच फैसला करें, तो हमपर अन्याय न करें। तथा हमारा सीधे रास्ते की ओर मार्गदर्शन करें, जो कि यथार्थ रास्ता है। info
التفاسير:

external-link copy
23 : 38

اِنَّ هٰذَاۤ اَخِیْ ۫— لَهٗ تِسْعٌ وَّتِسْعُوْنَ نَعْجَةً وَّلِیَ نَعْجَةٌ وَّاحِدَةٌ ۫— فَقَالَ اَكْفِلْنِیْهَا وَعَزَّنِیْ فِی الْخِطَابِ ۟

दोनों विरोधियों में से एक ने दाऊद अलैहिस्सलाम से कहा : यह व्यक्ति मेरा भाई है। इसके पास निन्नानवे दुंबियाँ हैं और मेरे पास एक दुंबी है। तो इसने मुझसे कहा है कि वह एक भी मैं उसके हवाले कर दूँ और वह बहस में मुझसे जीत गया है। info
التفاسير:

external-link copy
24 : 38

قَالَ لَقَدْ ظَلَمَكَ بِسُؤَالِ نَعْجَتِكَ اِلٰی نِعَاجِهٖ ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ الْخُلَطَآءِ لَیَبْغِیْ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَقَلِیْلٌ مَّا هُمْ ؕ— وَظَنَّ دَاوٗدُ اَنَّمَا فَتَنّٰهُ فَاسْتَغْفَرَ رَبَّهٗ وَخَرَّ رَاكِعًا وَّاَنَابَ ۟

दाऊद अलैहिस्सलाम ने उन दोनों के बीच निर्णय किया और दावेदार को संबोधित करते हुए कहा : तुम्हारे भाई ने तुम्हारी दुंबी को अपनी दुंबियों के साथ मिलाने की माँग करके तुमपर ज़ुल्म किया है। सच्चाई यह है कि बहुत-से साझीदार अपने साथी का हक़ दबाकर और इंसाफ़ से मुँह मोड़कर एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। अलबत्ता, उन ईमान वालों का मामला अलग है, जो अच्छे कार्य करते हैं। वे अपने साझीदारों के साथ न्याय करते हैं और उनपर अत्याचार नहीं करते। लेकिन इस तरह के लोग बहुत कम हैं। और दाऊद अलैहिस्सलाम को यक़ीन हो गया कि इस झगड़े के द्वारा हमने उन्हें आज़माइश में डाला है। चुनाँचे उन्होंने अपने पालनहार से क्षमा याचना की, अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के लिए सजदे में गिर पड़े और उसकी ओर लौट आए। info
التفاسير:

external-link copy
25 : 38

فَغَفَرْنَا لَهٗ ذٰلِكَ ؕ— وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟

तो हमने उनकी बात स्वीकार कर ली और उनकी इस ग़लती को क्षमा कर दिया। और निश्चित रूप से वह हमारे पास समीपवर्ती लोगों में से हैं। और आखिरत में उनके लिए अच्छा ठिकाना है। info
التفاسير:

external-link copy
26 : 38

یٰدَاوٗدُ اِنَّا جَعَلْنٰكَ خَلِیْفَةً فِی الْاَرْضِ فَاحْكُمْ بَیْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوٰی فَیُضِلَّكَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَضِلُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌۢ بِمَا نَسُوْا یَوْمَ الْحِسَابِ ۟۠

ऐ दाऊद! हमने आपको धरती में ख़लीफ़ा बनाया है, जिसका काम धार्मिक और सांसारिक नियमों और फ़ैसलों को लागू करना होता है। अतः आप लोगों के बीच न्याय के साथ निर्णय करें। और लोगों के बीच अपने निर्णय में अपनी इच्छाओं का पालन न करें; कि रिश्तेदारी या दोस्ती के कारण किसी एक पक्ष की ओर झुक जाएँ, या किसी दुश्मनी की वजह से किसी को नज़र अंदाज़ करें। क्योंकि इच्छा का पालन करना आपको अल्लाह के सीधे रास्ते से भटका देगा। निश्चय जो लोग अल्लाह के सीधे रास्ते से भटक जाते हैं, उनके लिए उनके हिसाब के दिन को भूल जाने के कारण, कठोर यातना है। क्योंकि अगर वे उसे याद रखते और उससे डरते, तो अपनी इच्छाओं पर न चलते। info
التفاسير:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• بيان فضائل نبي الله داود وما اختصه الله به من الآيات.
• अल्लाह के नबी दाऊद अलैहिस्सलाम के गुणों और अल्लाह की ओर से उन्हें प्राप्त निशानियों का बयान। info

• الأنبياء - صلوات الله وسلامه عليهم - معصومون من الخطأ فيما يبلغون عن الله تعالى؛ لأن مقصود الرسالة لا يحصل إلا بذلك، ولكن قد يجري منهم بعض مقتضيات الطبيعة بنسيان أو غفلة عن حكم، ولكن الله يتداركهم ويبادرهم بلطفه.
• नबीगण (उनपर दुरूद एवं सलाम हो) अल्लाह की ओर से जो कुछ पहुँचाते हैं, उसमें वे हर प्रकार की त्रुटियों से पाक हैं। क्योंकि इसके बिना रिसालत (पैग़ंबरी) का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता। परंतु मानव प्रकृति की कुछ अपेक्षाएँ भूल चूक या किसी हुक्म से ग़फ़लत के रूप में उनसे भी प्रकट हो सकती हैं, लेकिन अल्लाह अपनी दया एवं कृपा से तुरंत उनका सुधार कर देता है। info

• استدل بعض العلماء بقوله تعالى: ﴿ وَإِنَّ كَثِيرًا مِّنَ اْلْخُلَطَآءِ لَيَبْغِي بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ ﴾ على مشروعية الشركة بين اثنين وأكثر.
• कुछ विद्वानों ने अल्लाह तआला के फ़रमान : {وَإِنَّ كَثِيرًا مِّنَ اْلْخُلَطَآءِ لَيَبْغِي بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ} से दो और दो से अधिक के बीच साझेदारी की वैधता का प्रमाण ग्रहण किया है। info

• ينبغي التزام الأدب في الدخول على أهل الفضل والمكانة.
• पद और प्रतिष्ठा वाले लोगों के पास प्रवेश करने में शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। info