पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद ।

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103 : 37

فَلَمَّاۤ اَسْلَمَا وَتَلَّهٗ لِلْجَبِیْنِ ۟ۚ

फिर जब दोनों अल्लाह के आदेश के प्रति समर्पित हो गए और उसकी आज्ञा के पालन के लिए तैयार हो गए, तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे को उसकी पेशानी के एक किनारे पर लिटा दिया, ताकि उसे ज़बह करने का उन्हें जो आदेश मिला था उसका पालन करें। info
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104 : 37

وَنَادَیْنٰهُ اَنْ یّٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۟ۙ

तथा हमने इबराहीम अलैहिस्सलाम को, जब वह अपने बेटे को ज़बह करने के अल्लाह के आदेश को लागू करने वाले थे, आवाज़ दी : ऐ इबराहीम! info
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105 : 37

قَدْ صَدَّقْتَ الرُّءْیَا ۚ— اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟

आपने अपने बेटे को ज़बह करने का दृढ़ संकल्प करके उस सपने को पूरा कर दिया, जो आपने देखा था। निश्चित रूप से (जिस तरह हमने आपको इस महान परीक्षा से छुटकारा दिलाकर आपको बदला दिया है) उसी तरह हम सदाचारियों को बदला देते हैं, चुनाँचे उन्हें विपत्तियों और कठिनाइयों से छुटकारा दिलाते हैं। info
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106 : 37

اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْبَلٰٓؤُا الْمُبِیْنُ ۟

निःसंदेह यही तो स्पष्ट परीक्षण है और इबराहीम अलैहिस्सलाम इसमें सफल हुए। info
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107 : 37

وَفَدَیْنٰهُ بِذِبْحٍ عَظِیْمٍ ۟

और हमने इसमाईल अलैहिस्सलाम के बदले में एक महान मेढ़ा दिया कि उसे उनकी ओर से ज़बह किया जाए। info
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108 : 37

وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ؗ

और हमने बाद में आने वाले समुदायों में इबराहीम अलैहिस्सलाम की अच्छी प्रशंसा बाक़ी रखी। info
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109 : 37

سَلٰمٌ عَلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ ۟

इबराहीम अलैहिस्सलाम के लिए अल्लाह की ओर से सलाम (अभिवादन), तथा हर नुक़सान और विपत्ति से सुरक्षा की दुआ हो। info
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110 : 37

كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟

जिस तरह हमने इबराहीम अलैहिस्सलाम को उनके आज्ञापालन का यह बदला दिया, उसी तरह हम सदाचारियों को (भी) बदला देते हैं। info
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111 : 37

اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

निश्चय इबराहीम अलैहिस्सलाम हमारे मोमिन बंदों में से थे, जो अल्लाह की बंदगी के तक़ाज़ों को पूरा करते हैं। info
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112 : 37

وَبَشَّرْنٰهُ بِاِسْحٰقَ نَبِیًّا مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟

तथा हमने उन्हें एक और बालक की शुभ सूचना दी, जो नबी और नेक बंदा बनेगा, और वह इसहाक़ अलैहिस्सलाम हैं। यह उनके अपने इकलौते बेटे इसमाईल अलैहिस्सलाम को ज़बह करने में अल्लाह का आज्ञापालन करने के बदले के तौर पर है। info
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113 : 37

وَبٰرَكْنَا عَلَیْهِ وَعَلٰۤی اِسْحٰقَ ؕ— وَمِنْ ذُرِّیَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَّظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ مُبِیْنٌ ۟۠

और हमने उनपर और उनके बेटे इसहाक़ पर अपनी ओर से बरकत उतारी। चुनाँचे उन दोनों को ढेर सारी नेमतें प्रदान कीं, जिनमें उनकी संतान को खूब बढ़ाना भी शामिल है। उनके वंश में से कुछ लोग अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करके अच्छे काम करने वाले हैं, जबकि उनमें से कुछ लोग कुफ़्र और पाप करके अपने आप पर खुला अत्याचार करने वाले हैं। info
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114 : 37

وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟ۚ

और हमने मूसा और उनके भाई हारून को नबी बनाकर उनपर उपकार किया। info
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115 : 37

وَنَجَّیْنٰهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ

तथा हमने उन दोनों को और उनकी जाति बनी इसराईल को फ़िरऔन की ग़ुलामी और डूबने से बचा लिया। info
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116 : 37

وَنَصَرْنٰهُمْ فَكَانُوْا هُمُ الْغٰلِبِیْنَ ۟ۚ

हमने फ़िरऔन और उसकी सेना के विरुद्ध उनकी मदद की, जिसके परिणामस्वरूप वे अपने शत्रु पर प्रबल हुए। info
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117 : 37

وَاٰتَیْنٰهُمَا الْكِتٰبَ الْمُسْتَبِیْنَ ۟ۚ

हमने मूसा और उनके भाई हारून को तौरात प्रदान की, जो अल्लाह की ओर से एक स्पष्ट पुस्तक है, जिसमें कोई संशयता नहीं है। info
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118 : 37

وَهَدَیْنٰهُمَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِیْمَ ۟ۚ

और हमने दोनों को सीधे मार्ग पर चलाया, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है। और वह इस्लाम धर्म का मार्ग है, जो अल्लाह महिमावान की प्रसन्नता तक पहुँचाने वाला है। info
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119 : 37

وَتَرَكْنَا عَلَیْهِمَا فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙۖ

और हमने बाद में आने वाले समुदायों में उन दोनों की अच्छी प्रशंसा और अच्छा स्मरण बाक़ी रखा। info
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120 : 37

سَلٰمٌ عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟

उन दोनों के लिए अल्लाह की ओर से पवित्र सलाम, उनकी प्रशंसा तथा हर विपत्ति से सुरक्षा की दुआ हो। info
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121 : 37

اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟

निश्चित रूप से जिस तरह हमने मूसा और हारून को यह उत्तम बदला दिया, उसी तरह हम अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करके अच्छे काम करने वालों को बदला देते हैं। info
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122 : 37

اِنَّهُمَا مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

निश्चय मूसा और हारून हमारे उन बंदों में से थे, जो अल्लाह पर ईमान रखने वाले, उसके निर्धारित किए हुए विधानों का पालन करने वाले थे। info
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123 : 37

وَاِنَّ اِلْیَاسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ

निश्चय इलयास अपने पालनहार की ओर से भेजे गए रसूलों में से थे, जिन्हें अल्लाह ने नुबुव्वत व रिसालत (पैग़ंबरी) से सम्मानित किया था। info
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124 : 37

اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟

जब उन्होंने अपनी जाति बनी इसराईल से कहा, जिनकी ओर वह रसूल बनाकर भेजे गए थे : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुम अल्लाह के आदेशों का पालन करके, जिसमें तौहीद शामिल है, और उसके निषेधों से बचकर, जिसमें शिर्क शामिल है, उससे डरते नहीं हो?! info
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125 : 37

اَتَدْعُوْنَ بَعْلًا وَّتَذَرُوْنَ اَحْسَنَ الْخَالِقِیْنَ ۟ۙ

क्या तुम अल्लाह के अलावा अपनी मूर्ति 'बअ्ल' की पूजा करते हो और अल्लाह की इबादत छोड़ देते हो, जो पैदा करने वालों में सबस बेहतर है?! info
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126 : 37

اللّٰهَ رَبَّكُمْ وَرَبَّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟

जबकि अल्लाह ही तुम्हारा पालनहार है, जिसने तुम्हें पैदा किया और इससे पहले तुम्हारे बाप-दादा को भी पैदा किया। अतः वही इबादत का हक़दार है, न कि उसके अलावा वे मूर्तियाँ जो न तो लाभ पहुँचा सकती हैं और न हानि। info
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यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे। info

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है। info

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है। info