വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഹിന്ദി വിവർത്തനം - അസീസുൽ ഹഖ് അൽ ഉമരി

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27 : 53

اِنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ لَیُسَمُّوْنَ الْمَلٰٓىِٕكَةَ تَسْمِیَةَ الْاُ ۟

निःसंदेह वे लोग जो आख़िरत पर ईमान नहीं रखते, निश्चय वे फ़रिश्तों के नाम औरतों के नामों की तरह रखते हैं। info
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28 : 53

وَمَا لَهُمْ بِهٖ مِنْ عِلْمٍ ؕ— اِنْ یَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ ۚ— وَاِنَّ الظَّنَّ لَا یُغْنِیْ مِنَ الْحَقِّ شَیْـًٔا ۟ۚ

हालाँकि उन्हें इसके बारे में कोई ज्ञान नहीं। वे केवल अनुमान के पीछे चल रहे हैं। और निःसंदेह अनुमान सच्चाई की तुलना में किसी काम नहीं आता। info
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29 : 53

فَاَعْرِضْ عَنْ مَّنْ تَوَلّٰی ۙ۬— عَنْ ذِكْرِنَا وَلَمْ یُرِدْ اِلَّا الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا ۟ؕ

अतः आप उससे मुँह फेर लें, जिसने हमारी नसीहत से मुँह मोड़ लिया और जिसने दुनिया के जीवन के सिवा कुछ नहीं चाहा। info
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30 : 53

ذٰلِكَ مَبْلَغُهُمْ مِّنَ الْعِلْمِ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِیْلِهٖ وَهُوَ اَعْلَمُ بِمَنِ اهْتَدٰی ۟

यही उनके ज्ञान की सीमा है। निश्चित रूप से आपका पालनहार ही उसे अधिक जानने वाला है, जो उसके मार्ग से भटक गया और वही उसे भी ज़्यादा जानने वाला है, जो सीधे मार्ग पर चला। info
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31 : 53

وَلِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ۙ— لِیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اَسَآءُوْا بِمَا عَمِلُوْا وَیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اَحْسَنُوْا بِالْحُسْنٰی ۟ۚ

तथा जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है, सब अल्लाह ही का है, ताकि वह बुराई करने वालों को उनके किए का बदला दे, और भलाई करने वालों को अच्छा बदला दे। info
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32 : 53

اَلَّذِیْنَ یَجْتَنِبُوْنَ كَبٰٓىِٕرَ الْاِثْمِ وَالْفَوَاحِشَ اِلَّا اللَّمَمَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ وَاسِعُ الْمَغْفِرَةِ ؕ— هُوَ اَعْلَمُ بِكُمْ اِذْ اَنْشَاَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ وَاِذْ اَنْتُمْ اَجِنَّةٌ فِیْ بُطُوْنِ اُمَّهٰتِكُمْ ۚ— فَلَا تُزَكُّوْۤا اَنْفُسَكُمْ ؕ— هُوَ اَعْلَمُ بِمَنِ اتَّقٰی ۟۠

वे लोग जो बड़े गुनाहों तथा अश्लील कार्यों[9] से दूर रहते हैं, सिवाय कुछ छोटे गुनाहों के। निःसंदेह आपका पालनहार बड़ा क्षमा करने वाला है। वह तुम्हें अधिक जानने वाला है जब उसने तुम्हें धरती[10] से पैदा किया और जब तुम अपनी माँओं के पेटों में बच्चे थे। अतः अपनी पवित्रता का दावा मत करो, वह उसे ज़्यादा जानने वाला है जो वास्तव में परहेज़गार है। info

9. इससे अभिप्राय अश्लीलता पर आधारित कुकर्म हैं। जैसे बाल-मैथुन, व्यभिचार, नारियों का अपने सौंदर्य का प्रदर्शन और पर्दे का त्याग, मिश्रित शिक्षा, मिश्रित सभाएँ, सौंदर्य की प्रतियोगिता आदि। जिसे आधुनिक युग में सभ्यता का नाम दिया जाता है। और मुस्लिम समाज भी इससे प्रभावित हो रहा है। ह़दीस में है कि सात विनाशकारी कर्मों से बचो : 1- अल्लाह का साझी बनाने से। 2- जादू करना। 3- अकारण जान मारना। 4- मदिरा पीना। 5- अनाथ का धन खाना। 6- युद्ध के दिन भागना। 7- तथा भोली-भाली पवित्र स्त्री को कलंक लगाना। (सह़ीह़ बुख़ारी : 2766, मुस्लिम : 89) 10. अर्थात तुम्हारे मूल आदम (अलैहिस्सलाम) को।

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33 : 53

اَفَرَءَیْتَ الَّذِیْ تَوَلّٰی ۟ۙ

फिर क्या आपने उसे देखा जिसने मुँह फेर लिया? info
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34 : 53

وَاَعْطٰی قَلِیْلًا وَّاَكْدٰی ۟

और थोड़ा-सा दिया फिर रोक लिया। info
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35 : 53

اَعِنْدَهٗ عِلْمُ الْغَیْبِ فَهُوَ یَرٰی ۟

क्या उसके पास परोक्ष का ज्ञान है? अतः वह देख रहा है।[11] info

11. इस आयत में जो परंपरागत धर्म को मोक्ष का साधन समझता है उससे कहा जा रहा है कि क्या वह जानता है कि प्रलय के दिन इतने ही से सफल हो जाएगा? जबकि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) वह़्य के आधार पर जो प्रस्तुत कर रहे हैं, वही सत्य है। और अल्लाह की वह़्य ही परोक्ष के ज्ञान का साधन है।

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36 : 53

اَمْ لَمْ یُنَبَّاْ بِمَا فِیْ صُحُفِ مُوْسٰی ۟ۙ

या उसे उन बातों की सूचना नहीं दी गई, जो मूसा के ग्रंथों में हैं? info
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37 : 53

وَاِبْرٰهِیْمَ الَّذِیْ وَ ۟ۙ

और इबराहीम के (ग्रंथों में), जिसने (कर्तव्य) पूरा किया। info
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38 : 53

اَلَّا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰی ۟ۙ

कि कोई बोझ उठाने वाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। info
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39 : 53

وَاَنْ لَّیْسَ لِلْاِنْسَانِ اِلَّا مَا سَعٰی ۟ۙ

और यह कि मनुष्य के लिए केवल वही है, जिसके लिए उसने प्रयास किया। info
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40 : 53

وَاَنَّ سَعْیَهٗ سَوْفَ یُرٰی ۟

और यह कि निश्चय उसका प्रयास शीघ्र ही देखा जाएगा। info
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41 : 53

ثُمَّ یُجْزٰىهُ الْجَزَآءَ الْاَوْفٰی ۟ۙ

फिर उसे उसका पूरा प्रतिफल दिया जाएगा। info
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42 : 53

وَاَنَّ اِلٰی رَبِّكَ الْمُنْتَهٰی ۟ۙ

और यह कि निःसंदेह आपके पालनहार ही की ओर अंततः पहुँचना है। info
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43 : 53

وَاَنَّهٗ هُوَ اَضْحَكَ وَاَبْكٰی ۟ۙ

तथा यह कि निःसंदह वही है, जिसने हँसाया तथा रुलाया। info
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44 : 53

وَاَنَّهٗ هُوَ اَمَاتَ وَاَحْیَا ۟ۙ

तथा यह कि निःसंदेह वही है, जिसने मृत्यु दी और जीवन दिया। info
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