വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി)

अल्-मुजादिला

സൂറത്തിൻ്റെ ഉദ്ദേശ്യങ്ങളിൽ പെട്ടതാണ്:
إظهار علم الله الشامل وإحاطته البالغة، تربيةً لمراقبته، وتحذيرًا من مخالفته.
अल्लाह के व्यापक ज्ञान और उसकी परिपूर्ण जानकारी का प्रदर्शन, ताकि दिल में अल्लाह का भय रखने पर प्रशिक्षित किया जाए और उसका उल्लंघन करने से सावधान किया जाए। info

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1 : 58

قَدْ سَمِعَ اللّٰهُ قَوْلَ الَّتِیْ تُجَادِلُكَ فِیْ زَوْجِهَا وَتَشْتَكِیْۤ اِلَی اللّٰهِ ۖۗ— وَاللّٰهُ یَسْمَعُ تَحَاوُرَكُمَا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَمِیْعٌ بَصِیْرٌ ۟

अल्लाह ने उस महिला (अर्थात् ख़ौला बिंत सा'लबा) की बात सुन ली, जो (ऐ रसूल!) आपसे अपने पति (अर्थात् औस बिन सामित) के बारे में, जब उसने उससे 'ज़िहार' कर लिया था, बहस कर रही थी और उसके पति ने उसके साथ जो कुछ किया था, उसकी अल्लाह से शिकायत कर रही थी। और अल्लाह तुम दोनों की बात-चीत सुन रहा था। उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। निःसंदेह अल्लाह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कर्मों को देखने वाला है। उससे कोई भी चीज़ छिपी नहीं रहती। info
التفاسير:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• لُطْف الله بالمستضعفين من عباده من حيث إجابة دعائهم ونصرتهم.
• अल्लाह की अपने कमज़ोर बंदों पर दया कि वह उनकी दुआ स्वीकार करता तथा उनकी सहायता करता है। info

• من رحمة الله بعباده تنوع كفارة الظهار حسب الاستطاعة ليخرج العبد من الحرج.
• अल्लाह की अपने बंदों पर दया का एक प्रतीक यह है कि उसने 'ज़िहार' के 'कफ़्फ़ारा' में क्षमता के अनुसार विविधता रखी है। ताकि बंदा तंगी से बच जाए। info

• في ختم آيات الظهار بذكر الكافرين؛ إشارة إلى أنه من أعمالهم، ثم ناسب أن يورد بعض أحوال الكافرين.
• 'ज़िहार' की आयतों का काफिरों के उल्लेख पर समापन करने में; यह संकेत है कि यह उनके कार्यों में से है। फिर उचित था कि काफ़िरों के कुछ हालात का उल्लेख किया जाए। info