വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി)

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105 : 5

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا عَلَیْكُمْ اَنْفُسَكُمْ ۚ— لَا یَضُرُّكُمْ مَّنْ ضَلَّ اِذَا اهْتَدَیْتُمْ ؕ— اِلَی اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِیْعًا فَیُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟

ऐ ईमान वालो! तुम अपनी चिंता करो। अतः अपने आपको ऐसा कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध करो, जिससे तुम्हारा सुधार हो। यदि तुम स्वयं मार्गदर्शन पा चुके, तो लोगों में से जो व्यक्ति गुमराह हो गया और उसने तुम्हारी बात नहीं मानी, वह तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचाएगा। तथा तुम्हारे मार्गदर्शन प्राप्त होने की अपेक्षा यह कि तुम भलाई का आदेश दो और बुराई से रोको। क़ियामत के दिन तुम्हें अकेले अल्लाह ही की ओर लौटकर जाना है, फिर वह तुम्हें बताएगा कि तुम दुनिया में क्या किया करते थे और तुम्हें उसका बदला देगा। info
التفاسير:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• إذا ألزم العبد نفسه بطاعة الله، وأمر بالمعروف ونهى عن المنكر بحسب طاقته، فلا يضره بعد ذلك ضلال أحد، ولن يُسْأل عن غيره من الناس، وخاصة أهل الضلال منهم.
• जब बंदा अपने आपको अल्लाह के आज्ञापालन के लिए प्रतिबद्ध कर ले, और अपनी क्षमता के अनुसार भलाई का आदेश दे और बुराई से मना करे, तो उसके बाद किसी के गुमराह होने से उसका कोई नुक़सान नहीं होगा, तथा उससे अन्य लोगों के बारे में हरगिज़ पूछताछ नहीं की जाएगी, खासकर उन लोगों के बारे में जो उनमें से गुमराह हैं। info

• الترغيب في كتابة الوصية، مع صيانتها بإشهاد العدول عليها.
• वसीयत के लिखने के लिए प्रोत्साहन, साथ ही उसपर न्यायप्रिय लोगों को गवाह बनाकर उसका संरक्षण करना। info

• بيان الصورة الشرعية لسؤال الشهود عن الوصية.
• वसीयत के बारे में गवाहों से पूछने के लिए शरई रूप का वर्णन। info