വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - അൽ മുഖ്തസ്വർ ഫീ തഫ്സീറിൽ ഖുർആനിൽ കരീം (ഹിന്ദി വിവർത്തനം).

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2 : 49

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَرْفَعُوْۤا اَصْوَاتَكُمْ فَوْقَ صَوْتِ النَّبِیِّ وَلَا تَجْهَرُوْا لَهٗ بِالْقَوْلِ كَجَهْرِ بَعْضِكُمْ لِبَعْضٍ اَنْ تَحْبَطَ اَعْمَالُكُمْ وَاَنْتُمْ لَا تَشْعُرُوْنَ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत का पालन करने वालो! उसके रसूल के साथ शिष्टाचार से पेश आओ और नबी से बात करते समय अपनी आवाज़ को उनकी आवाज़ से ऊँची न होने दो, और उन्हें आपस में एक-दूसरे को पुकारने की तरह उनके नाम से न पुकारो। बल्कि उन्हें ऐ नबी! और ऐ रसूल! कहकर विनम्रता से पुकारो; ऐसा न हो कि कहीं तुम्हारे कर्मों का बदला अकारथ चला जाए और तुम्हें इसका एहसास तक न हो। info
التفاسير:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• تشرع الرحمة مع المؤمن، والشدة مع الكافر المحارب.
• एक मोमिन को ईमान वाले के साथ दयावान् और युद्ध करने वाले काफ़िर के लिए सख्त होना चाहिए। info

• التماسك والتعاون من أخلاق أصحابه صلى الله عليه وسلم.
• एकजुटता और परस्पर सहयोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों की नैतिकता में से हैं। info

• من يجد في قلبه كرهًا للصحابة الكرام يُخْشى عليه من الكفر.
• जो व्यक्ति अपने दिल में सम्मानित सहाबा के प्रति घृणा पाता है, उसके बारे में कुफ़्र का डर है। info

• وجوب التأدب مع رسول الله صلى الله عليه وسلم، ومع سُنَّته، ومع ورثته (العلماء).
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ, आपकी सुन्नत के साथ और आपके वारिसों (विद्वानों) के साथ शिष्टाचार अपनाना अनिवार्य है। info