വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി)

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4 : 25

وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اِفْكُ ١فْتَرٰىهُ وَاَعَانَهٗ عَلَیْهِ قَوْمٌ اٰخَرُوْنَ ۛۚ— فَقَدْ جَآءُوْ ظُلْمًا وَّزُوْرًا ۟ۚۛ

और अल्लाह एवं उसके रसूल के साथ कुफ़्र करने वालों ने कहा : यह क़ुरआन केवल एक झूठ है, जिसे मुह़म्मद ने गढ़ लिया है और झूठमूठ अल्लाह से संबद्ध कर दिया है। इसे गढ़ने में अन्य लोगों ने भी उसका साथ दिया है। निश्चय इन काफ़िरों ने एक असत्य बात गढ़ी है। क्योंकि क़ुरआन अल्लाह की वाणी है। कोई इनसान या जिन्न इस तरह की वाणी कदापि नहीं ला सकता। info
التفاسير:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• اتصاف الإله الحق بالخلق والنفع والإماتة والإحياء، وعجز الأصنام عن كل ذلك.
• सत्य पूज्य का पैदा करने, लाभ पहुँचाने, मृत्यु एवं जीवन देने के गुणों से परिपूर्ण होना, जबकि मूर्तियों का यह सब करने में अक्षम होना। info

• إثبات صفتي المغفرة والرحمة لله.
• अल्लाह के लिए 'क्षमा' एवं 'दया' के गुणों का प्रमाण। info

• الرسالة لا تستلزم انتفاء البشرية عن الرسول.
• पैगंबरी के लिए यह आवश्यक नहीं है कि पैगंबर मानव जाति में से नहीं होना चाहिए। info

• تواضع النبي صلى الله عليه وسلم حيث يعيش كما يعيش الناس.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की विनम्रता कि आप वैसे ही रहते थे जैसे लोग रहते थे। info