1. (1-2) गर्मी और जाड़े की यात्रा से अभिप्राय गर्मी के समय क़ुरैश की व्यपारिक यात्रा है, जो शाम और फ़लस्तीन की ओर होती थी। और जाड़े के समय वे दक्षिण अरब की यात्रा करते थे, जो गर्म क्षेत्र है।
2. इस घर से अभिप्राय काबा है। अर्थ यह है कि यह सुविधा उन्हें इसी घर के कारण प्राप्त हुई। और वह स्वयं यह मानते हैं कि 360 मूर्तियाँ उनकी रब नहीं हैं, जिनकी वे पूजा कर रहे हैं। उनका रब (पालनहार) वही है, जिसने उनको अबरहा के आक्रमण से बचाया। और उस युग में जब अरब की प्रत्येक दिशा में अशांति का राज्य था मात्र इसी घर के कारण इस नगर में शांति है। और तुम इसी घर के निवासी होने के कारण निश्चिंत होकर व्यापारिक यात्राएँ कर रहे हो, और सुख-सुविधा के साथ रहते हो। क्योंकि काबे के प्रबंधक और सेवक होने के कारण ही लोग क़ुरैश का आदर करते थे। तो उन्हें स्मरण कराया जा रहा है कि फिर तुम्हारा कर्तव्य है कि केवल उसी की उपासना करो।