ការបកប្រែអត្ថន័យគួរអាន - ការអធិប្បាយសង្ខេបអំពីគម្ពីគួរអានជាភាសាឥណ្ឌា

external-link copy
32 : 6

وَمَا الْحَیٰوةُ الدُّنْیَاۤ اِلَّا لَعِبٌ وَّلَهْوٌ ؕ— وَلَلدَّارُ الْاٰخِرَةُ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ یَتَّقُوْنَ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟

इस संसार का जीवन जिसके प्रति तुम्हारा झुकाव है, उस व्यक्ति के लिए खेल-कूद और धोखे के सिवा कुछ नहीं है, जो इसमें अल्लाह को प्रसन्न करने वाला काम नहीं करता है। रही बात आख़िरत के घर की, तो यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जो अल्लाह से डरते हैं, अतएव उसके ईमान और आज्ञाकारिता के आदेश का पालन करते हैं, तथा उसके शिर्क और अवज्ञा के निषेध से बचते हैं। तो क्या (ऐ बहुदेववादियो!) तुम इस बात को नहीं समझते?! ताकि तुम ईमान लाओ और अच्छे कर्म करो। info
التفاسير:
ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• من عدل الله تعالى أنه يجمع العابد والمعبود والتابع والمتبوع في عَرَصات القيامة ليشهد بعضهم على بعض.
• यह अल्लाह के न्याय में से है कि वह क़ियामत के मैदान में उपासक और उपास्य, अनुसरणकर्ता तथा जिसका अनुसरण किया गया है, सबको इकट्ठा करेगा, ताकि वे एक-दूसरे के विरुद्ध गवाही दें। info

• ليس كل من يسمع القرآن ينتفع به، فربما يوجد حائل مثل ختم القلب أو الصَّمَم عن الانتفاع أو غير ذلك.
• हर कोई जो क़ुरआन सुनता है, वह उससे लाभान्वित नहीं होता है, क्योंकि लाभान्वित होने में कोई चीज़ बाधित हो सकती है, जैसे कि दिल पर मुहर लगा दिया जाना या लाभ उठाने से बहरापन, या कुछ और। info

• بيان أن المشركين وإن كانوا يكذبون في الظاهر فهم يستيقنون في دواخلهم بصدق النبي عليه الصلاة والسلام.
• इस बात का वर्णन कि मुश्रिक, भले ही ज़ाहिरी तौर पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाते थे, परंतु वे अपने दिलों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सच्चाई के प्रति आश्वस्त थे। info

• تسلية النبي عليه الصلاة والسلام ومواساته بإعلامه أن هذا التكذيب لم يقع له وحده، بل هي طريقة المشركين في معاملة الرسل السابقين.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को यह बताकर सांत्वना देना कि यह इनकार अकेले उनके साथ नहीं हुआ है। बल्कि, पिछले रसूलों के साथ व्यवहार करने में बहुदेववादियों का यही तरीक़ा रहा है। info