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30 : 47

وَلَوْ نَشَآءُ لَاَرَیْنٰكَهُمْ فَلَعَرَفْتَهُمْ بِسِیْمٰهُمْ ؕ— وَلَتَعْرِفَنَّهُمْ فِیْ لَحْنِ الْقَوْلِ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ اَعْمَالَكُمْ ۟

और अगर हम (ऐ रसूल!) आपको मुनाफ़िक़ों की पहचान कराना चाहें, तो अवश्य आपको उनकी पहचान करा दें। फिर निश्चय आप उन्हें उनकी निशानियों से पहचान लेंगे, तथा आप उन्हें उनके बात करने की शैली से अवश्य पहचान लेंगे। तथा अल्लाह तुम्हारे कर्मों को जानता है। उससे उनमें से कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, और वह तुम्हें उनका बदला देगा। info
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31 : 47

وَلَنَبْلُوَنَّكُمْ حَتّٰی نَعْلَمَ الْمُجٰهِدِیْنَ مِنْكُمْ وَالصّٰبِرِیْنَ ۙ— وَنَبْلُوَاۡ اَخْبَارَكُمْ ۟

और हम अवश्य ही (ऐ ईमान वालो!) जिहाद, दुश्मनों से लड़ाई करने और क़त्ल के द्वारा तुम्हारी परीक्षा लेंगे, ताकि हम तुममें से अल्लाह की राह में जिहाद करने वालों और उसके दुश्मनों से लड़ने में धैर्य रखने वालों को जान लें। तथा हम तुम्हारी परीक्षा लेंगे, ताकि हम तुममें से सच्चे और झूठे को जान लें। info
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32 : 47

اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَشَآقُّوا الرَّسُوْلَ مِنْ بَعْدِ مَا تَبَیَّنَ لَهُمُ الْهُدٰی ۙ— لَنْ یَّضُرُّوا اللّٰهَ شَیْـًٔا ؕ— وَسَیُحْبِطُ اَعْمَالَهُمْ ۟

निःसंदेह जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया, तथा खुद को और अन्य लोगों को अल्लाह के धर्म से रोका और उसके रसूल का विरोध किया तथा उनके साथ दुश्मनी की, जबकि यह स्पष्ट हो गया कि वह अल्लाह के नबी हैं - वे कदापि अल्लाह को कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे, बल्कि वे ख़ुद अपना नुक़सान करेंगे और अल्लाह उनके कर्मों को व्यर्थ कर देगा। info
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33 : 47

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَطِیْعُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوا الرَّسُوْلَ وَلَا تُبْطِلُوْۤا اَعْمَالَكُمْ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! अल्लाह का और उसके रसूल का आज्ञापालन करो। इस प्रकार कि उनके आदेशों का पालन करो और उनके निषेधों से बचो। तथा कुफ़्र और दिखावा आदि के द्वारा अपने कार्यों को व्यर्थ न करो। info
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34 : 47

اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ثُمَّ مَاتُوْا وَهُمْ كُفَّارٌ فَلَنْ یَّغْفِرَ اللّٰهُ لَهُمْ ۟

निश्चय जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया और खुद को तथा अन्य लोगों को अल्लाह के धर्म से रोका, फिर तौबा करने से पहले अपने कुफ़्र ही की अवस्था में मर गए - तो अल्लाह उनके गुनाहों को हरगिज़ माफ नहीं करेगा, बल्कि उनपर उनकी पकड़ करेगा और उन्हें जहन्नम में दाखिल करेगा, जहाँ वे हमेशा रहेंगे। info
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35 : 47

فَلَا تَهِنُوْا وَتَدْعُوْۤا اِلَی السَّلْمِ ۖۗ— وَاَنْتُمُ الْاَعْلَوْنَ ۖۗ— وَاللّٰهُ مَعَكُمْ وَلَنْ یَّتِرَكُمْ اَعْمَالَكُمْ ۟

अतः (ऐ मोमिनो!) तुम अपने दुश्मन का सामना करने में कमज़ोर न बनो और उनकी ओर सुलह का हाथ न बढ़ाओ, इससे पहले कि वे तुम्हारी ओर सुलह का हाथ बढ़ाएँ। तथा तुम ही उनपर प्रभुत्वशाली और विजयी हो। और अल्लाह अपनी सहायता और समर्थन के साथ तुम्हारे संग है। वह तुम्हारे कर्मों के प्रतिफल को ज़रा भी कम नहीं करेगा, बल्कि अपने अनुग्रह और कृपा से तुम्हें बढ़ाकर देगा। info
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36 : 47

اِنَّمَا الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا لَعِبٌ وَّلَهْوٌ ؕ— وَاِنْ تُؤْمِنُوْا وَتَتَّقُوْا یُؤْتِكُمْ اُجُوْرَكُمْ وَلَا یَسْـَٔلْكُمْ اَمْوَالَكُمْ ۟

दुनिया का जीवन तो केवल खेल और तमाशा है। अतः एक समझदार व्यक्ति को इसमें व्यस्त होकर आख़िरत से गाफ़िल नहीं होना चाहिए। यदि तुम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाओ और अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई वस्तुओं से बचकर डरते रहो, तो वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का पूरा बदला देगा, कोई कमी नहीं करेगा। तथा वह तुमसे तुम्हारा सारा धन नहीं माँगेगा, बल्कि वह तुमसे केवल अनिवार्य ज़कात माँगेगा। info
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37 : 47

اِنْ یَّسْـَٔلْكُمُوْهَا فَیُحْفِكُمْ تَبْخَلُوْا وَیُخْرِجْ اَضْغَانَكُمْ ۟

अगर वह तुमसे तुम्हारा पूरा धन माँगे और उसे खूब ज़ोर देकर माँगे, तो तुम उसमें कंजूसी करोगे और तुम्हारे दिलों में अल्लाह के रास्ते में खर्च करने की जो अनिच्छा है, वह उसे बाहर कर देगा। अतः उसने तुमपर दया करते हुए तुमसे उसका माँगना छोड़ दिया। info
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38 : 47

هٰۤاَنْتُمْ هٰۤؤُلَآءِ تُدْعَوْنَ لِتُنْفِقُوْا فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ۚ— فَمِنْكُمْ مَّنْ یَّبْخَلُ ۚ— وَمَنْ یَّبْخَلْ فَاِنَّمَا یَبْخَلُ عَنْ نَّفْسِهٖ ؕ— وَاللّٰهُ الْغَنِیُّ وَاَنْتُمُ الْفُقَرَآءُ ۚ— وَاِنْ تَتَوَلَّوْا یَسْتَبْدِلْ قَوْمًا غَیْرَكُمْ ۙ— ثُمَّ لَا یَكُوْنُوْۤا اَمْثَالَكُمْ ۟۠

सुनो, तुम वे लोग हो कि तुम्हें कहा जाता है कि अपने धन का एक हिस्सा अल्लाह के रास्ते में खर्च करो, तुमसे अपना पूरा धन खर्च करने के लिए नहीं कहा जाता है, तो तुममें से कुछ लोग अपनी कंजूसी के कारण आवश्यक खर्च को रोक लेते हैं। और जो अपने धन का एक भाग अल्लाह के रास्ते में खर्च करने में कंजूसी करता है, तो वह वास्तव में ख़ुद पर कंजूसी करता है; क्योंकि वह अपने आपको खर्च करने के सवाब से वंचित कर देता है। अल्लाह तो बेनियाज़ है, उसे तुम्हारे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। और तुम ही उसके मुहताज हो। और यदि तुम इस्लाम से कुफ़्र की ओर फिर जाओगे, तो वह तुम्हें नष्ट कर देगा और तुम्हारे अलावा अन्य लोगों को ले आएगा। फिर वे तुम्हारे जैसे नहीं होंगे। बल्कि वे उसके आज्ञाकारी होंगे। info
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ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• سرائر المنافقين وخبثهم يظهر على قسمات وجوههم وأسلوب كلامهم.
• मुनाफ़िक़ो के दिल के भेद और उनकी दुष्टता उनके चेहरे की लकीरों और उनके बात करने की शैली पर प्रकट होती है। info

• الاختبار سُنَّة إلهية لتمييز المؤمنين من المنافقين.
• ईमान वालों को मुनाफ़िक़ों से अलग करने के लिए परीक्षण एक ईश्वरीय नियम है। info

• تأييد الله لعباده المؤمنين بالنصر والتسديد.
• अल्लाह, अपने ईमान वाले बंदों को विजय प्रदान करके और उन्हें सीधे रास्ते पर लगाकर, उनका समर्थन करता है। info

• من رفق الله بعباده أنه لا يطلب منهم إنفاق كل أموالهم في سبيل الله.
• यह अल्लाह की अपने बंदों पर कृपा है कि वह उन्हें अपना सारा धन अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के लिए नहीं कहता है। info