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74 : 43

اِنَّ الْمُجْرِمِیْنَ فِیْ عَذَابِ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ

निःसंदेह कुफ़्र और पाप करने वाले अपराधी क़ियामत के दिन जहन्नम की यातना में होंगे, जिसमें वे सदैव रहेंगे। info
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75 : 43

لَا یُفَتَّرُ عَنْهُمْ وَهُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟ۚ

उनसे यातना कम नहीं की जाएगी और वे उसमें अल्लाह की दया से निराश होंगे। info
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76 : 43

وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْا هُمُ الظّٰلِمِیْنَ ۟

हमने उन्हें जहन्नम में दाखिल करके उनपर अत्याचार नहीं किया, बल्कि वे कुफ़्र करके स्वयं ही अपने आप पर अत्याचार करने वाले थे। info
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77 : 43

وَنَادَوْا یٰمٰلِكُ لِیَقْضِ عَلَیْنَا رَبُّكَ ؕ— قَالَ اِنَّكُمْ مّٰكِثُوْنَ ۟

वे जहन्नम के दारोग़ा मालिक को पुकारकर कहेंगे : ऐ मालिक! तुम्हारा पालनहार हमें मृत्यु दे दे, ताकि हम यातना से आराम पा जाएँ। तो मालिक उन्हें जवाब देते हुए कहेगा : तुम सदैव यातना में रहने वाले हो, तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी और न तुम्हारी यातना रुकेगी। info
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78 : 43

لَقَدْ جِئْنٰكُمْ بِالْحَقِّ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَكُمْ لِلْحَقِّ كٰرِهُوْنَ ۟

निश्चय ही हम दुनिया में तुम्हारे पास संदेहरहित सत्य लेकर आए थे, लेकिन तुममें से अधिकतर लोग सत्य को नापसंद करने वाले थे। info
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79 : 43

اَمْ اَبْرَمُوْۤا اَمْرًا فَاِنَّا مُبْرِمُوْنَ ۟ۚ

यदि वे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ कोई चाल चलते हैं और आपके विरुद्ध कोई षड्यंत्र करते हैं, तो हम उनके लिए उनके षड्यंत्र से बढ़कर उपाय करने वाले हैं। info
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80 : 43

اَمْ یَحْسَبُوْنَ اَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوٰىهُمْ ؕ— بَلٰی وَرُسُلُنَا لَدَیْهِمْ یَكْتُبُوْنَ ۟

क्या वे समझ्ते हैं कि हम उनकी छिपी बात (भेद) को जो उन्होंने अपने दिलों में छिपा रखी है या उनकी कानाफूसी को जो वे एक-दूसरे से करते हैं, नहीं सुनते हैं? क्यों नहीं, हम उनकी सारी बातें सुनते हैं और उनके साथ नियुक्त फ़रिश्ते उनके प्रत्येक कार्य को लिखते रहते हैं। info
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81 : 43

قُلْ اِنْ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ وَلَدٌ ۖۗ— فَاَنَا اَوَّلُ الْعٰبِدِیْنَ ۟

(ऐ रसूल!) आप उन लोगों से, जो अल्लाह की ओर बेटियों की निस्बत करते हैं, (अल्लाह उनकी इस बात से बहुत ऊँचा है) कह दें : अल्लाह की कोई संतान नहीं है; अल्लाह इससे बहुत पाक एवं पवित्र है। मैं तो अल्लाह की सबसे पहले इबादत करने वाला तथा उसकी पवित्रता बयान करने वाला हूँ। info
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82 : 43

سُبْحٰنَ رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟

आकाशों और धरती का रब तथा अर्श (सिंहासन) का स्वामी उससे पवित्र है, जो ये मुश्रिक (बहुदेववादी) लोग उसकी ओर साझी, पत्नी और संतान की निस्बत करते हैं। info
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83 : 43

فَذَرْهُمْ یَخُوْضُوْا وَیَلْعَبُوْا حَتّٰی یُلٰقُوْا یَوْمَهُمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟

अतः (ऐ रसूल!) आप उन्हें छोड़ दें कि वे अपनी झूठ और व्यर्थ की बहसों में पड़े रहें और खेलते रहें, यहाँ तक कि उनका सामना उस दिन से हो जाए, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है और वह क़ियामत का दिन है। info
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84 : 43

وَهُوَ الَّذِیْ فِی السَّمَآءِ اِلٰهٌ وَّفِی الْاَرْضِ اِلٰهٌ ؕ— وَهُوَ الْحَكِیْمُ الْعَلِیْمُ ۟

और वही पवित्र अल्लाह आकाश में सत्य पूज्य है और वही धरती में भी सत्य पूज्य है। तथा वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति) और प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला, तथा अपने बंदों की स्थितियों से अवगत है। उससे उनमें से कुछ भी छिपा नहीं है। info
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85 : 43

وَتَبٰرَكَ الَّذِیْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۚ— وَعِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِ ۚ— وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟

बड़ी भलाई तथा बरकत वाला है वह पवित्र अल्लाह, जिस अकेले के पास ही आकाशों का राज्य, धरती का राज्य तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ों का राज्य है। तथा अकेले उसी के पास उस घड़ी का ज्ञान है, जिसमें क़ियामत क़ायम होगी, उसे उसके सिवा कोई नहीं जानता। और तुम आख़िरत में हिसाब और बदले के लिए अकेले उसी की ओर लौटाए जाओगे। info
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86 : 43

وَلَا یَمْلِكُ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنْ شَهِدَ بِالْحَقِّ وَهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟

और वे लोग, जिन्हें ये मुश्रिक अल्लाह को छोड़कर पूजते हैं, अल्लाह के निकट सिफ़ारिश का अधिकार नहीं रखते। अधिकार केवल वही रखता है, जो इस बात की गवाही दे कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं और वह उस बात को जानता हो, जिसकी उसने गवाही दी है; जैसे कि ईसा, उज़ैर और फ़रिश्ते। info
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87 : 43

وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَهُمْ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ فَاَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟ۙ

यदि आप उनसे पूछें कि उन्हें किसने पैदा किया है? तो वे अवश्य कहेंगे : हमें अल्लाह ने पैदा किया है। फिर इस स्वीकृति के बाद वे उसकी इबादत से कैसे फेर दिए जाते हैं?! info
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88 : 43

وَقِیْلِهٖ یٰرَبِّ اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ قَوْمٌ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۘ

अल्लाह महिमावान को अपने रसूल की इस शिकायत का ज्ञान है कि उसकी जाति ने उसे झुठलाया है और उसमें उनका कहना है कि : ऐ मेरे पालनहार! ये ऐसे लोग हैं, जो उसपर ईमान लाने वाले नहीं हैं, जिसके साथ तूने मुझे उनकी ओर भेजा है। info
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89 : 43

فَاصْفَحْ عَنْهُمْ وَقُلْ سَلٰمٌ ؕ— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟۠

अतः आप उनसे मुँह फेर लें और उनसे ऐसी बात करें, जिससे उनकी बुराई से बच सकें। (यह उस समय की बात है जब आप मक्का में थे।) क्योंकि शीघ्र ही उन्हें पता चल जाएगा कि उन्हें किस सज़ा का सामना करना पड़ेगा। info
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ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• كراهة الحق خطر عظيم.
• सत्य को नापसंद करना बहुत खतरनाक है। info

• مكر الكافرين يعود عليهم ولو بعد حين.
• काफ़िरो की चाल उन्हीं पर पलट आती है, चाहे कुछ समय बाद ही सही। info

• كلما ازداد علم العبد بربه، ازداد ثقة بربه وتسليمًا لشرعه.
• बंदे का अपने पालनहार के बारे में ज्ञान जितना अधिक होता जाता है, उसका अपने पालनहार पर विश्वास और उसकी शरीयत के प्रति स्वीकरण एवं समर्पण उतना ही बढ़ जाता है। info

• اختصاص الله بعلم وقت الساعة.
• क़ियामत के समय का ज्ञान केवल अल्लाह को है। info