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9 : 4

وَلْیَخْشَ الَّذِیْنَ لَوْ تَرَكُوْا مِنْ خَلْفِهِمْ ذُرِّیَّةً ضِعٰفًا خَافُوْا عَلَیْهِمْ ۪— فَلْیَتَّقُوا اللّٰهَ وَلْیَقُوْلُوْا قَوْلًا سَدِیْدًا ۟

और उन लोगों को डरना चाहिए जो अगर मर जाते और अपने पीछे कमज़ोर छोटे बच्चे छोड़ जाते, तो उन्हें उनके नष्ट होने का कैसा डर होता। अतः उन्हें अल्लाह से डरते हुए उन अनाथों पर अत्याचार नहीं करना चाहिए जो उनके संरक्षण में हैं। ताकि अल्लाह उनकी मौत के पश्चात उनके लिए ऐसे लोगों का प्रबंध करे, जो उनकी औलाद के साथ अच्छा व्यवहार करें, जैसा कि उन्होंने उन अनाथों के साथ सद्व्यवहार किया था। तथा उन्हें उस व्यक्ति की औलाद के हक़ में अच्छा व्यवहार करना चाहिए जिसकी वसीयत के समय वे उपस्थित होते हैं, इस प्रकार कि उनसे सही व सच्ची बात कहें कि वह अपनी वसीयत में अपने वारिसों के हक़ पर अत्याचार न करे, तथा वसीयत को छोड़कर खुद को भलाई से वंचित न करे। info
التفاسير:
ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• دلت أحكام المواريث على أن الشريعة أعطت الرجال والنساء حقوقهم مراعية العدل بينهم وتحقيق المصلحة بينهم.
• विरासत के प्रावधानों से संकेत मिलता है कि शरीयत ने पुरुषों और महिलाओं को, उनके बीच न्याय को ध्यान में रखते हुए और उनके बीच हित की प्राप्ति के लिए, उनके अधिकार दिए हैं। info

• التغليظ الشديد في حرمة أموال اليتامى، والنهي عن التعدي عليها، وعن تضييعها على أي وجه كان.
• अनाथों के धन के हराम (निषिद्ध) होने, तथा उसपर अतिक्रमण करने और उसे किसी भी तरह से बर्बाद करने की मनाही का वर्णन कठोर शब्दों में किया गया। info

• لما كان المال من أكثر أسباب النزاع بين الناس تولى الله تعالى قسمته في أحكام المواريث.
• चूँकि धन लोगों के बीच विवाद के सबसे आम कारणों में से है, इसलिए अल्लाह ने विरासत के प्रावधानों में इसे स्वयं ही विभाजित किया है। info