ការបកប្រែអត្ថន័យគួរអាន - ការអធិប្បាយសង្ខេបអំពីគម្ពីគួរអានជាភាសាឥណ្ឌា

លេខ​ទំព័រ:close

external-link copy
24 : 29

فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا اقْتُلُوْهُ اَوْ حَرِّقُوْهُ فَاَنْجٰىهُ اللّٰهُ مِنَ النَّارِ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟

जब इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति को केवल अल्लाह की इबादत करने तथा उसके अलावा मूर्तियों की पूजा छोड़ने का आदेश दिया, तो उनका उत्तर इसके सिवा कुछ न था कि उन्होंने कहा : अपने पूज्यों का समर्थन करने के लिए उसे मार डालो या उसे आग में फेंक दो। तो अल्लाह ने उन्हें आग से बचा लिया। निःसंदेह उनके आग में फेंके जाने के पश्चात उन्हें उससे बचा लेने में ईमान वालों के लिए बहुत-से उपदेश है, क्योंकि यही लोग हैं, जो उपदेशों से लाभ उठाते हैं। info
التفاسير:

external-link copy
25 : 29

وَقَالَ اِنَّمَا اتَّخَذْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْثَانًا ۙ— مَّوَدَّةَ بَیْنِكُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— ثُمَّ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ یَكْفُرُ بَعْضُكُمْ بِبَعْضٍ وَّیَلْعَنُ بَعْضُكُمْ بَعْضًا ؗ— وَّمَاْوٰىكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟ۗۖ

और इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति से कहा : तुमने मूर्तियों को पूज्य बना लिया है, जिनकी तुम पूजा करते हो, ताकि इस दुनिया के जीवन में उनकी पूजा को एक-दूसरे को जानने और आपस में प्रेम रखने का आधार बना लो। फिर क़ियामत के दिन तुम्हारे बीच का यह प्रेम समाप्त हो जाएगा, तथा यातना को देखकर तुम एक-दूसरे से अलग हो जाओगे और एक-दूसरे को धिक्कारने लगोगे। और तुम्हारा ठिकाना जहाँ तुम शरण लोगे, आग ही है और तुम्हारे लिए कोई सहायक नहीं होंगे जो तुम्हें अल्लाह की यातना से बचा सकें, न तो तुम्हारे उन पूज्यों में से जिनकी तुम अल्लाह को छोड़कर पूजा करते हो और न ही उनके अलावा अन्य लोगों में से। info
التفاسير:

external-link copy
26 : 29

فَاٰمَنَ لَهٗ لُوْطٌ ۘ— وَقَالَ اِنِّیْ مُهَاجِرٌ اِلٰی رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟

लूत अलैहिस्सलाम उनपर ईमान ले आए। और इबराहीम अलैहिस्सलाम ने कहा : मैं अपने रब के लिए शाम की शुभ भूमि की ओर हिजरत करने वाला हूँ। निश्चय वही सब पर प्रभुत्वशाली है, जो पराजित नहीं होता और उसकी ओर हिजरत करने वाला कभी अपमानित नहीं होता। वह अपनी नियति और प्रबंधन में हिकमत वाला है। info
التفاسير:

external-link copy
27 : 29

وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ وَجَعَلْنَا فِیْ ذُرِّیَّتِهِ النُّبُوَّةَ وَالْكِتٰبَ وَاٰتَیْنٰهُ اَجْرَهٗ فِی الدُّنْیَا ۚ— وَاِنَّهٗ فِی الْاٰخِرَةِ لَمِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟

और हमने इबराहीम को इसह़ाक़ तथा उनका पुत्र याक़ूब प्रदान किया। और उनकी संतान में नुबुव्वत तथा अल्लाह की ओर से अवतरित होने वाले ग्रंथ रख दिए। और हमने उन्हें उनके सत्य पर धैर्य रखने का प्रतिफल दुनिया में उनकी संतान को सदाचारी बनाने और अच्छी प्रशंसा के द्वारा दिया, तथा आख़िरत में उन्हें सदाचारियों का प्रतिफल मिलेगा। दुनिया में जो कुछ उन्हें दिया गया, वह आख़िरत में उनके लिए तैयार किए गए उदार प्रतिफल में कोई कमी नहीं करेगा। info
التفاسير:

external-link copy
28 : 29

وَلُوْطًا اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اِنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الْفَاحِشَةَ ؗ— مَا سَبَقَكُمْ بِهَا مِنْ اَحَدٍ مِّنَ الْعٰلَمِیْنَ ۟

और (ऐ रसूल!) लूत को याद करें, जिस समय उन्होंने अपने समुदाय से कहा : निश्चय तुम ऐसा घृणित पाप करते हो, जो तुमसे पहले दुनिया वालों में से किसी ने भी नहीं किया। अतः तुम इस कुकर्म का आविष्कार करने वाले पहले लोग हो, जिससे विशुद्ध प्रकृति घृणा करती है। info
التفاسير:

external-link copy
29 : 29

اَىِٕنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الرِّجَالَ وَتَقْطَعُوْنَ السَّبِیْلَ ۙ۬— وَتَاْتُوْنَ فِیْ نَادِیْكُمُ الْمُنْكَرَ ؕ— فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا ائْتِنَا بِعَذَابِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟

क्या तुम अपनी कामवासना की पूर्ति के लिए पुरुषों की पिछली शर्मगाह में आते हो और यात्रियों का रास्ता रोकते हो, कि वे तुम्हारे द्वारा किए जाने वाले अनैतिक कृत्य के डर से तुम्हारे पास से नहीं गुज़रते हैं, तथा तुम अपनी सभाओं में नग्नता और अपने पास से गुज़रने वालों को वचन एवं कर्म द्वारा कष्ट पहुँचाने जैसे निंदनीय कार्य करते हो? तो लूत अलैहिस्सलाम के उन्हें बुराई करने से मना करने के बाद उनका उत्तर इसके सिवा कुछ नहीं था कि उन्होंने कहा : तुम हमपर अल्लाह की वह यातना ले आओ, जिसकी तुम हमें धमकी देते हो, यदि तुम अपने दावे में सच्चे हो। info
التفاسير:

external-link copy
30 : 29

قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ عَلَی الْقَوْمِ الْمُفْسِدِیْنَ ۟۠

लूत अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति के हठ तथा अल्लाह की यातना को हलके में लेते हुए उसके लाने की माँग करने बाद, अपने रब से प्रार्थना करते हुए कहा : ऐ मेरे रब! उन लोगों के विरुद्ध मेरी सहायता कर, जो कुफ़्र और निंदनीय पाप फैलाकर धरती में बिगाड़ पैदा करने वाले हैं। info
التفاسير:
ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• عناية الله بعباده الصالحين حيث ينجيهم من مكر أعدائهم.
• अल्लाह अपने सदाचारी बंदो की देखभाल करता है, इसलिए वह उन्हें उनके शत्रुओं की चालों से बचाता है। info

• فضل الهجرة إلى الله.
• अल्लाह की ओर हिजरत करने का महत्व। info

• عظم منزلة إبراهيم وآله عند الله تعالى.
• इबराहीम तथा उनकी संतान का अल्लाह के निकट उच्च स्थान। info

• تعجيل بعض الأجر في الدنيا لا يعني نقص الثواب في الآخرة.
• कुछ प्रतिफल का इस दुनिया ही में मिल जाने का मतलब आख़िरत में सवाब की कमी नहीं है। info

• قبح تعاطي المنكرات في المجالس العامة.
• आम लोगों के बैठने की जगहों में बुरे कार्य करने की ख़राबी। info