Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

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3 : 57

هُوَ الْاَوَّلُ وَالْاٰخِرُ وَالظَّاهِرُ وَالْبَاطِنُ ۚ— وَهُوَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟

वही प्रथम है, जिससे पहले कोई चीज़ नहीं। और वही अंतिम है, जिसके बाद कोई चीज़ नहीं। वही ज़ाहिर है, जिससे ऊपर कोई चीज़ नहीं। और वही बातिन है, जिससे निकटतर कोई चीज़ नहीं। और वह हर चीज़ को जानता है, कोई चीज़ उसके ज्ञान के दायरे से बाहर नहीं है। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• شدة سكرات الموت وعجز الإنسان عن دفعها.
• प्राण निकलते समय की पीड़ा की गंभीरता और इनसान का उसे टालने में असमर्थ होना। info

• الأصل أن البشر لا يرون الملائكة إلا إن أراد الله لحكمة.
• मूल सिद्धांत यह है कि मनुष्य फ़रिश्तों को नहीं देखते, सिवाय इसके कि अल्लाह किसी हिकमत के तहत दिखाना चाहे। info

• أسماء الله (الأول، الآخر، الظاهر، الباطن) تقتضي تعظيم الله ومراقبته في الأعمال الظاهرة والباطنة.
• अल्लाह के नामों (अव्वल, आख़िर, ज़ाहिर तथा बातिन) की अपेक्षा यह है कि अल्लाह का सम्मान किया जाए और खुले तथा छिपे सभी कामों में उसके निरीक्षण का ध्यान रखा जाए। info