Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

external-link copy
6 : 5

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِذَا قُمْتُمْ اِلَی الصَّلٰوةِ فَاغْسِلُوْا وُجُوْهَكُمْ وَاَیْدِیَكُمْ اِلَی الْمَرَافِقِ وَامْسَحُوْا بِرُءُوْسِكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ اِلَی الْكَعْبَیْنِ ؕ— وَاِنْ كُنْتُمْ جُنُبًا فَاطَّهَّرُوْا ؕ— وَاِنْ كُنْتُمْ مَّرْضٰۤی اَوْ عَلٰی سَفَرٍ اَوْ جَآءَ اَحَدٌ مِّنْكُمْ مِّنَ الْغَآىِٕطِ اَوْ لٰمَسْتُمُ النِّسَآءَ فَلَمْ تَجِدُوْا مَآءً فَتَیَمَّمُوْا صَعِیْدًا طَیِّبًا فَامْسَحُوْا بِوُجُوْهِكُمْ وَاَیْدِیْكُمْ مِّنْهُ ؕ— مَا یُرِیْدُ اللّٰهُ لِیَجْعَلَ عَلَیْكُمْ مِّنْ حَرَجٍ وَّلٰكِنْ یُّرِیْدُ لِیُطَهِّرَكُمْ وَلِیُتِمَّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكُمْ لَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟

ऐ ईमान वालो! जब तुम नमाज़ अदा करने के लिए उठना चाहो, और तुम 'हदस-ए-असग़र' (छोटी नापाकी, बे-वुज़ू होने) की हालत में हो, तो वुज़ू कर लो, इस प्रकार कि अपने मुँह धो लो तथा अपने हाथों को कुहनियों समेत धो लो और अपने सिरों का मसह़ करो, तथा अपने पाँवों को टखनों समेत धो लो, जो पिंडली के जोड़ पर उभरे हुए होते हैं। यदि तुम 'हदस-ए-अकबर' (बड़ी नापाकी, जिसके लिए ग़ुस्ल की आवश्यता होती है) की हालत में हो, तो स्नान कर लो। तथा यदि तुम बीमार हो, तुम्हें बीमारी के बढ़ने या ठीक होने में देरी होने का डर है, या तुम स्वस्थ होने की स्थिति में यात्रा कर रहे हो, या तुम उदाहरण के तौर पर शौचकर्म के कारण 'हदस-ए-असग़र' (छोटी अशुद्धता) की हालत में हो, या महिलाओं के साथ संभोग करके 'हदस-ए-अकबर' (बड़ी अशुद्धता) की हालत में हो, और खोजने के बाद भी तुम्हें पानी न मिले - जिससे अपने आपको शुद्ध (पाक) कर सको -, तो ज़मीन की सतह (मिट्टी) का क़सद करो और उसपर अपने हाथों को मारो और (उन्हें) अपने चेहरों पर फेरो तथा अपने हाथों पर फेरो (यानी मसह़ करो)। अल्लाह तुम्हें पानी का उपयोग करने के लिए बाध्य करके, जो तुम्हें नुक़सान पहुँचाता है, अपने प्रावधानों में तुमपर तंगी नहीं करना चाहता है। इसलिए किसी बीमारी या पानी न मिलने के कारण उसका उपयोग दुर्लभ होने के समय उसने तुम्हारे लिए उसका एक विकल्प निर्धारित किया है, ताकि वह तुमपर अपना अनुग्रह पूरा कर दे, तथा तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमत का शुक्र अदा करो और उसकी नाशुक्री न करो। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• الأصل في الطهارة هو استعمال الماء بالوضوء من الحدث الأصغر، والغسل من الحدث الأكبر.
• शुद्धिकरण (तहारत) में मूल नियम यह है कि 'हदस-ए-असग़र' से वज़ू करने, तथा 'हदस-ए-अकबर' से स्नान करने के लिए पानी का उपयोग किया जाए। info

• في حال تعذر الحصول على الماء، أو تعذّر استعماله لمرض مانع أو برد قارس، يشرع التيمم (بالتراب) لرفع حكم الحدث (الأصغر أو الأكبر).
• पानी की प्राप्ति संभव न होने, या किसी बाधक बीमारी या गंभीर सर्दी के कारण उसका उपयोग करना संभव न होने की स्थिति में, 'हदस-ए-असग़र' अथवा 'अकबर' के हुक्म को दूर करने के लिए मिट्टी से तयम्मुम करना धर्मसंगत है। info

• الأمر بتوخي العدل واجتناب الجور حتى في معاملة المخالفين.
• उल्लंघन करने वालों से निपटने में भी न्याय का पालन करने और अन्याय से बचने का आदेश। info