Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

external-link copy
124 : 37

اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟

जब उन्होंने अपनी जाति बनी इसराईल से कहा, जिनकी ओर वह रसूल बनाकर भेजे गए थे : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुम अल्लाह के आदेशों का पालन करके, जिसमें तौहीद शामिल है, और उसके निषेधों से बचकर, जिसमें शिर्क शामिल है, उससे डरते नहीं हो?! info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे। info

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है। info

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है। info