Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

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56 : 30

وَقَالَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ وَالْاِیْمَانَ لَقَدْ لَبِثْتُمْ فِیْ كِتٰبِ اللّٰهِ اِلٰى یَوْمِ الْبَعْثِ ؗ— فَهٰذَا یَوْمُ الْبَعْثِ وَلٰكِنَّكُمْ كُنْتُمْ لَا تَعْلَمُوْنَ ۟

जिन लोगों को अल्लाह ने ज्ञान और ईमान दिया जैसे अंबिया और फ़रिश्ते, वे कहेंगे : अल्लाह ने अपने पूर्व ज्ञान में जो लिखा था, उसके अनुसार तुम अपने सृजन के दिन से लेकर अपने पुनर्जीवन के इस दिन तक ठहरे हो, जिसे तुमने अस्वीकार कर दिया था। तो यह लोगों के अपनी कब्रों से उठाए जाने का दिन है। लेकिन तुम नहीं जानते थे कि दोबारा जीवित होकर उठना एक वास्तविकता है, इसलिए तुमने उसपर विश्वास नहीं किया। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• يأس الكافرين من رحمة الله عند نزول البلاء.
• जब विपत्ति आती है, तो काफ़िरों को अल्लाह की दया से निराशा होती है। info

• هداية التوفيق بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• सुपथ पर चलने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं हैl info

• مراحل العمر عبرة لمن يعتبر.
• मनुष्य की आयु के चरण उन लोगों के लिए एक सबक़ हैं, जो सबक़ लेना चाहें। info

• الختم على القلوب سببه الذنوب.
• दिलों पर मुहर लगने का कारण, गुनाह हैं। info