Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

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40 : 30

اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ ثُمَّ رَزَقَكُمْ ثُمَّ یُمِیْتُكُمْ ثُمَّ یُحْیِیْكُمْ ؕ— هَلْ مِنْ شُرَكَآىِٕكُمْ مَّنْ یَّفْعَلُ مِنْ ذٰلِكُمْ مِّنْ شَیْءٍ ؕ— سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰى عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟۠

केवल अल्लाह ही वह हस्ती है, जो तुम्हें पैदा करने, फिर तुम्हें रोज़ी देने, फिर तुम्हें मारने, फिर तुम्हें क़ियामत के दिन के लिए जीवित करने में अकेला है। क्या तुम्हारी उन मूर्तियाँ में से, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजते हो, कोई ऐसा है, जो इनमें से कोई काम कर सके?! अल्लाह की हस्ती उससे बहुत पवित्र और सर्वोच्च है, जो मुश्रिक लोग कहते और विश्वास रखते हैं। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• فرح البطر عند النعمة، والقنوط من الرحمة عند النقمة؛ صفتان من صفات الكفار.
• नेमत मिलने पर खुशी से इतराना और कष्ट आने पर दया से निराश हो जाना; काफिरों की दो विशेषताएँ हैं। info

• إعطاء الحقوق لأهلها سبب للفلاح.
• हक़ वालों को उनका हक़ देना, सफलता का एक कारण है। info

• مَحْقُ الربا، ومضاعفة أجر الإنفاق في سبيل الله.
• सूद का मिटा दिया जाना और अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के सवाब को कई गुना कर दिया जाना। info

• أثر الذنوب في انتشار الأوبئة وخراب البيئة مشاهد.
• महामारियों के फैलने और पर्यावरण के विनाश पर पापों का प्रभाव दृष्टिगोचर है। info