Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

external-link copy
30 : 3

یَوْمَ تَجِدُ كُلُّ نَفْسٍ مَّا عَمِلَتْ مِنْ خَیْرٍ مُّحْضَرًا ۖۚۛ— وَّمَا عَمِلَتْ مِنْ سُوْٓءٍ ۛۚ— تَوَدُّ لَوْ اَنَّ بَیْنَهَا وَبَیْنَهٗۤ اَمَدًاۢ بَعِیْدًا ؕ— وَیُحَذِّرُكُمُ اللّٰهُ نَفْسَهٗ ؕ— وَاللّٰهُ رَءُوْفٌۢ بِالْعِبَادِ ۟۠

क़ियामत के दिन प्रत्येक प्राणी अपने अच्छे कार्य को बिना किसी कमी के सामने हाज़िर पाएगा तथा जिसने बुरा कार्य किया होगा, वह कामना करेगा कि उसके तथा उसके बुरे कर्मों के बीच एक लंबा समय होता। लेकिन उसकी कामना कैसे पूरी हो सकती है! और अल्लाह तुम्हें अपने आपसे डराता है। अतः पाप करके अपने आपको उसके क्रोध से पीड़ित न करो। अल्लाह अपने बंदों के प्रति अत्यंत करुणामय है। इसीलिए उन्हें चेतावनी देता है और उन्हें डराता है। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• عظم مقام الله وشدة عقوبته تجعل العاقل على حذر من مخالفة أمره تعالى.
• अल्लाह के पद की महानता और उसकी यातना की गंभीरता एक बुद्धिमान व्यक्ति को उसके आदेश का उल्लंघन करने से सावधान रखती है। info

• برهان المحبة الحقة لله ولرسوله باتباع الشرع أمرًا ونهيًا، وأما دعوى المحبة بلا اتباع فلا تنفع صاحبها.
• अल्लाह और उसके रसूल से सच्चे प्रेम का प्रमाण शरीयत के आदेश और निषेध का अनुपालन करना है। जहाँ तक अनुपालन के बिना प्रेम के दावे की बात है, तो इससे आदमी को कोई लाभ नहीं होगा। info

• أن الله تعالى يختار من يشاء من عباده ويصطفيهم للنبوة والعبادة بحكمته ورحمته، وقد يخصهم بآيات خارقة للعادة.
• अल्लाह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपनी हिकमत और दया से नुबुव्वत और इबादत के लिए पसंद कर लेता और चुन लेता है। तथा कभी-कभी उन्हें कुछ ख़ारिक़-ए-'आदात निशानियों (करामतों) के साथ विशिष्ट कर देता है। info