Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

Nomor Halaman:close

external-link copy
20 : 26

قَالَ فَعَلْتُهَاۤ اِذًا وَّاَنَا مِنَ الضَّآلِّیْنَ ۟ؕ

मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने कार्य को स्वीकारते हुए कहा : मैंने उस व्यक्ति को उस समय क़त्ल किया, जब मैं अज्ञानियों में से था और मेरे पास वह़्य नहीं आई थी। info
التفاسير:

external-link copy
21 : 26

فَفَرَرْتُ مِنْكُمْ لَمَّا خِفْتُكُمْ فَوَهَبَ لِیْ رَبِّیْ حُكْمًا وَّجَعَلَنِیْ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟

फिर जब मुझे भय हुआ कि क़त्ल के अपराध में तुम मेरा वध कर दोगे, तो मैं मदयन गांव की ओर भाग गया। जहाँ मेरे पालनहार ने मुझे ज्ञान प्रदान किया और मुझे उन रसूलों में से बना दिया, जिन्हें वह लोगों के पास भेजता है। info
التفاسير:

external-link copy
22 : 26

وَتِلْكَ نِعْمَةٌ تَمُنُّهَا عَلَیَّ اَنْ عَبَّدْتَّ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ

तेरा बनी इसराईल को दास बनाने के साथ मुझे गुलाम बनाए बिना मेरा पालन-पोषण करना, एक ऐसा उपकार है जो तू मुझपर उचित रूप से जतला रहा है। लेकिन यह मुझे तुमको एक अल्लाह की ओर बुलाने से नहीं रोकता है। info
التفاسير:

external-link copy
23 : 26

قَالَ فِرْعَوْنُ وَمَا رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟

फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : सारे प्राणियों का रब क्या है, जिसका तूने रसूल होने का दावा किया है?! info
التفاسير:

external-link copy
24 : 26

قَالَ رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ؕ— اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِیْنَ ۟

मूसा ने फ़िरऔन को उत्तर देते हुए कहा : सारे प्राणियों का रब वह है, जो आकाशों तथा धरती और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का रब है। यदि तुम विश्वास रखने वाले हो कि वही उन सब का रब है, तो केवल उसी की इबादत करो। info
التفاسير:

external-link copy
25 : 26

قَالَ لِمَنْ حَوْلَهٗۤ اَلَا تَسْتَمِعُوْنَ ۟

फ़िरऔन ने वहाँ उपस्थित अपनी क़ौम के प्रमुखों से कहा : क्या तुम मूसा का उत्तर और उसका झूठा दावा नहीं सुन रहे हो?! info
التفاسير:

external-link copy
26 : 26

قَالَ رَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟

मूसा ने उनसे कहा : अल्लाह तुम्हारा तथा तुम्हारे पूर्व बाप-दादों का भी रब है। info
التفاسير:

external-link copy
27 : 26

قَالَ اِنَّ رَسُوْلَكُمُ الَّذِیْۤ اُرْسِلَ اِلَیْكُمْ لَمَجْنُوْنٌ ۟

फ़िरऔन ने कहा : यह व्यक्ति जो तुम्हारी ओर रसूल बनाकर भेजे जाने का दावा करता है, अवश्य पागल है। वह जवाब देना नहीं जानता और ऐसी बात कहता है जो समझ में नहीं आती। info
التفاسير:

external-link copy
28 : 26

قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَیْنَهُمَا ؕ— اِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟

मूसा ने कहा : जिस अल्लाह की ओर मैं तुम्हें बुला रहा हूँ, वह पूर्व और पश्चिम तथा उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का रब है, यदि तुम्हारे पास समझने के लिए बुद्धि है। info
التفاسير:

external-link copy
29 : 26

قَالَ لَىِٕنِ اتَّخَذْتَ اِلٰهًا غَیْرِیْ لَاَجْعَلَنَّكَ مِنَ الْمَسْجُوْنِیْنَ ۟

फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम से, उनके साथ बहस करने में असमर्थ होने के बाद, कहा : यदि तूने मेरे अलावा किसी अन्य को पूज्य बनाया, तो मैं तुझे अवश्य ही बंदी बनाए हुए लोगों में शामिल कर दूँगा। info
التفاسير:

external-link copy
30 : 26

قَالَ اَوَلَوْ جِئْتُكَ بِشَیْءٍ مُّبِیْنٍ ۟ۚ

मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन से कहा : क्या यदि मैं तेरे पास ऐसी चीज़ ले आऊँ, जो मेरे अल्लाह की ओर सच्चे रसूल होने की पुष्टि करती हो, फिर भी तू मुझे बंदी बनाए हुए लोगों में शामिल कर देगा? info
التفاسير:

external-link copy
31 : 26

قَالَ فَاْتِ بِهٖۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟

उसने कहा : तो उसे ले आ जो तूने कहा है कि वह तेरी सच्चाई को दर्शाता है, यदि तू अपने दावे में सच्चा है। info
التفاسير:

external-link copy
32 : 26

فَاَلْقٰی عَصَاهُ فَاِذَا هِیَ ثُعْبَانٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚۖ

मूसा ने अपनी लाठी ज़मीन पर फेंकी, और वह अचानक एक स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले अजगर में बदल गई। info
التفاسير:

external-link copy
33 : 26

وَّنَزَعَ یَدَهٗ فَاِذَا هِیَ بَیْضَآءُ لِلنّٰظِرِیْنَ ۟۠

और उन्होंने अपना हाथ अपने गिरेबान में डाला, जबकि वह सफेद नहीं था, फिर उसे इस हालत में निकाला कि वह सफ़ेद और चमकदार था, पर बरस की सफ़ेदी की तरह नहीं, देखने वाले उसे ऐसा ही देख रहे थे। info
التفاسير:

external-link copy
34 : 26

قَالَ لِلْمَلَاِ حَوْلَهٗۤ اِنَّ هٰذَا لَسٰحِرٌ عَلِیْمٌ ۟ۙ

फिरऔन ने अपने आस-पास उपस्थित सरदारों से कहा : निश्चय यह व्यक्ति तो एक कुशल जादूगर है। info
التفاسير:

external-link copy
35 : 26

یُّرِیْدُ اَنْ یُّخْرِجَكُمْ مِّنْ اَرْضِكُمْ بِسِحْرِهٖ ۖۗ— فَمَاذَا تَاْمُرُوْنَ ۟

यह चाहता है कि अपने जादू से तुम्हें तुम्हारी भूमि से निकाल दे, तो तुम्हारी क्या राय है, इसके बारे में हमें क्या कार्रवाई करनी चाहिए कि? info
التفاسير:

external-link copy
36 : 26

قَالُوْۤا اَرْجِهْ وَاَخَاهُ وَابْعَثْ فِی الْمَدَآىِٕنِ حٰشِرِیْنَ ۟ۙ

उनहोंने उससे कहा : इसे और इसके भाई के मामले को अभी टाले रखो और इन दोनों को दंड देने में जल्दी न करो, तथा मिस्र के नगरों में जादूगरों को इकट्ठा करने वालों को भेज दो। info
التفاسير:

external-link copy
37 : 26

یَاْتُوْكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِیْمٍ ۟

कि वे तुम्हारे पास हर बड़ा जादूगर ले आएँ, जो जादू में प्रवीण और कुशल हो। info
التفاسير:

external-link copy
38 : 26

فَجُمِعَ السَّحَرَةُ لِمِیْقَاتِ یَوْمٍ مَّعْلُوْمٍ ۟ۙ

तो फ़िरऔन ने अपने जादूगरों को मूसा से मुक़ाबले के लिए एक विशिष्ट स्थान और समय पर इकट्ठा किया। info
التفاسير:

external-link copy
39 : 26

وَّقِیْلَ لِلنَّاسِ هَلْ اَنْتُمْ مُّجْتَمِعُوْنَ ۟ۙ

तथा लोगों से कहा गया : क्या तुम यह देखने के लिए एकत्र होने वाले हो कि विजयी मूसा होते हैं या जादूगर? info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• أخطاء الداعية السابقة والنعم التي عليه لا تعني عدم دعوته لمن أخطأ بحقه أو أنعم عليه.
• धर्म उपदेशक की पिछली ग़लतियों और उसके ऊपर किए गए उपकार का मतलब यह नहीं है कि वह उस व्यक्ति को आमंत्रित नहीं करेगा, जिसके हक़ में उसने ग़लती की है या जिसका उसके ऊपर उपकार है। info

• اتخاذ الأسباب للحماية من العدو لا ينافي الإيمان والتوكل على الله.
• शत्रु से बचने के लिए कारण अपनाना ईमान और अल्लाह पर भरोसा के विपरीत नहीं है। info

• دلالة مخلوقات الله على ربوبيته ووحدانيته.
• अल्लाह की सृष्टियाँ उसकी रुबूबियत (ईश्वरत्व) तथा उसकी वहदानियत (एकेश्वरवाद) का संकेत देती हैं। info

• ضعف الحجة سبب من أسباب ممارسة العنف.
• तर्क की कमज़ोरी हिंसा का उपयोग करने का एक कारण है। info

• إثارة العامة ضد أهل الدين أسلوب الطغاة.
• धर्म के लोगों के विरुद्ध जनता को भड़काना ज़ालिम तानाशाहों का तरीक़ा रहा है। info