Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

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54 : 12

وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖۤ اَسْتَخْلِصْهُ لِنَفْسِیْ ۚ— فَلَمَّا كَلَّمَهٗ قَالَ اِنَّكَ الْیَوْمَ لَدَیْنَا مَكِیْنٌ اَمِیْنٌ ۟

जब यूसुफ़ की बेगुनाही स्पष्ट हो गई और राजा को उसका ज्ञान हो गया, तो उसने अपने सहयोगियों से कहा : उन्हें मेरे पास लाओ। मैं उन्हें अपने लिए ख़ास कर लूँगा। चुनाँचे उन्हें राजा के पास लाया गया। फिर जब राजा ने उनसे बात की और उनका ज्ञान और बुद्धि उसके लिए स्पष्ट हो गई, तो उसने उनसे कहा : निश्चय (ऐ यूसुफ़!) आप आज हमारे यहाँ एक पद-प्रतिष्ठा वाले और विश्वसनीय व्यक्ति बन गए हैं। info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• من أعداء المؤمن: نفسه التي بين جنبيه؛ لذا وجب عليه مراقبتها وتقويم اعوجاجها.
• मोमिन के दुश्मनों में से एक दुश्मन उसके सीने में मौजूद दिल है। इसलिए उसकी निगरानी और उसके टेढ़ेपन को ठीक करना उसके लिए आवश्यक है। info

• اشتراط العلم والأمانة فيمن يتولى منصبًا يصلح به أمر العامة.
• आम लोगों के हित से संबंधित कोई पद संभालने के लिए ज्ञान तथा अमानत (ईमानदारी) का होना शर्त है। info

• بيان أن ما في الآخرة من فضل الله، إنما هو خير وأبقى وأفضل لأهل الإيمان.
• इस बात का वर्णन कि आख़िरत में प्राप्त होने वाली अल्लाह की कृपा, ईमान वालों के लिए बेहतर, अधिक स्थायी और सर्वश्रेष्ठ है। info

• جواز طلب الرجل المنصب ومدحه لنفسه إن دعت الحاجة، وكان مريدًا للخير والصلاح.
• किसी व्यक्ति के लिए आवश्यकता पड़ने पर पद माँगने और स्वयं अपनी प्रशंसा करने की वैधता, जबकि वह भलाई और सुधार चाहता हो। info