Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi

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34 : 10

قُلْ هَلْ مِنْ شُرَكَآىِٕكُمْ مَّنْ یَّبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ ؕ— قُلِ اللّٰهُ یَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ فَاَنّٰی تُؤْفَكُوْنَ ۟

(ऐ रसूल!) आप इन बहुदेववादियों से कह दें : क्या तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारों में, जिनकी तुम अल्लाह के सिवा पूजा करते हो, कोई ऐसा है, जो पूर्व उदाहरण के बिना उत्पत्ति का आरंभ करे और फिर उसकी मृत्यु के पश्चात् उसे पुनर्जीवित करेॽ आप उनसे कह दें कि अल्लाह ही पूर्व उदाहरण के बिना उत्पत्ति का आरंभ करता है और फिर वही उसकी मृत्यु के पश्चात् उसे पुनर्जीवित करेगा। तो फिर (ऐ बहुदेववादियो!) तुम लोग सत्य से असत्य की ओर कैसे फिरे जा रहे होॽ! info
التفاسير:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• الهادي إلى الحق هداية التوفيق هو الله وحده دون ما سواه.
• सत्य की ओर मार्गदर्शन की तौफीक़ प्रदान करने वाला एकमात्र अल्लाह है, उसके सिवा कोई और नहीं। info

• الحث على تطلب الأدلة والبراهين والهدايات للوصول للعلم والحق وترك الوهم والظن.
• ज्ञान और सत्य तक पहुँचने के लिए साक्ष्यों एवं प्रमाणों तथा मार्गदर्शन तलब करने और भ्रम तथा अनुमान को त्यागने का आग्रह करना। info

• ليس في مقدور أحد أن يأتي ولو بآية مثل القرآن الكريم إلى يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन तक कोई भी व्यक्ति क़ुरआन की तरह एक आयत भी नहीं ला सकता। info

• سفه المشركين وتكذيبهم بما لم يفهموه ويتدبروه.
• बहुदेववादियों की मूर्खता और उनका उस चीज़ को झुठलाना, जो उनकी समझ में नहीं आई और जिसपर उन्होंने सोच-विचार नहीं किया। info