क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद - अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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58 : 37

اَفَمَا نَحْنُ بِمَیِّتِیْنَ ۟ۙ

तो क्या (यह सही नहीं है) कि हम कभी मरने वाले नहीं हैं? info
التفاسير: