क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद।

अस्-सफ़्फ़

सूरा के उद्देश्य:
حثّ المؤمنين لنصرة الدين.
धर्म का समर्थन करने के लिए ईमान वालों से आग्रह करना। info

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1 : 61

سَبَّحَ لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ۚ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟

आकाशों और धरती में जो कुछ है, सबने अल्लाह के हर उस चीज़ से पाक एवं पवित्र होने का गान किया, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं है। और वह प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई परास्त नहीं कर सकता, वह अपनी रचना, तक़दीर एवं शरीयत में हिकमत वाला है। info
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2 : 61

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لِمَ تَقُوْلُوْنَ مَا لَا تَفْعَلُوْنَ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो! तुम क्यों कहते हो : हमने ऐसा किया है, जबकि वास्तव में तुमने उसे नहीं किया है?! जैसे तुममें से कोई कहे कि मैं अपनी तलवार से लड़ा और मारा। जबकि वह अपनी तलवार से न लड़ा है और न मारा है। info
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3 : 61

كَبُرَ مَقْتًا عِنْدَ اللّٰهِ اَنْ تَقُوْلُوْا مَا لَا تَفْعَلُوْنَ ۟

यह अल्लाह के निकट बहुत घृणित और अप्रिय बात है कि तुम वह कहो जो तुम करते नहीं। इसलिए मोमिन के लिए उचित यही है कि वह अल्लाह के साथ सच्चा हो। उसकी करनी उसकी कथनी की पुष्टि करे। info
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4 : 61

اِنَّ اللّٰهَ یُحِبُّ الَّذِیْنَ یُقَاتِلُوْنَ فِیْ سَبِیْلِهٖ صَفًّا كَاَنَّهُمْ بُنْیَانٌ مَّرْصُوْصٌ ۟

निःसंदेह अल्लाह उन मोमिन बंदों से प्रेम करता है, जो उसके मार्ग में उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए इस तरह पंक्तिबद्ध होकर युद्ध करते हैं, गोया वे एक सीसा पिलाई हुई इमारत हैं। info
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5 : 61

وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهٖ یٰقَوْمِ لِمَ تُؤْذُوْنَنِیْ وَقَدْ تَّعْلَمُوْنَ اَنِّیْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَیْكُمْ ؕ— فَلَمَّا زَاغُوْۤا اَزَاغَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْفٰسِقِیْنَ ۟

और (ऐ रसूल) उस समय को याद करें, जब मूसा अलैहिस्लाम ने अपनी जाति के लोगों से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मेरे आदेश का उल्लंघन करके मुझे कष्ट क्यों देते हो, जबकि तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ?! फिर जब वे उस सत्य से विचलित हो गए और हट गए, जो मूसा अलैहिस्सलाम उनके पास लेकर आए थे, तो अल्लाह ने उनके दिलों को सत्य और सत्यनिष्ठा (धर्मपरायणता) से हटा दिया। और अल्लाह उन लोगों को सत्य की तौफ़ीक़ नहीं देता, जो उसकी अवज्ञा करने वाले हों। info
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इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• مشروعية مبايعة ولي الأمر على السمع والطاعة والتقوى.
• शासक की बात सुनने और मानने तथा धर्मपरायणता पर उसके प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा करने की वैधता। info

• وجوب الصدق في الأفعال ومطابقتها للأقوال.
• कार्यों में सत्यता की अनिवार्यता और उनका कथनों के अनुरूप होना। info

• بيَّن الله للعبد طريق الخير والشر، فإذا اختار العبد الزيغ والضلال ولم يتب فإن الله يعاقبه بزيادة زيغه وضلاله.
• अल्लाह ने बंदे के लिए अच्छाई और बुराई का मार्ग स्पष्ट कर दिया है। अब यदि बंदा विपथन और पथभ्रष्टता को चुनता है और तौबा नहीं करता, तो अल्लाह उसके विपथन और पथभ्रष्टता को बढ़ाकर उसे दंडित करता है। info

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6 : 61

وَاِذْ قَالَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ یٰبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اِنِّیْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَیْكُمْ مُّصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیَّ مِنَ التَّوْرٰىةِ وَمُبَشِّرًا بِرَسُوْلٍ یَّاْتِیْ مِنْ بَعْدِی اسْمُهٗۤ اَحْمَدُ ؕ— فَلَمَّا جَآءَهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ قَالُوْا هٰذَا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟

और (ऐ रसूल) उस समय को याद करें, जब ईसा बिन मर्यम अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ बनी इसराईल, मैं अल्लाह का रसूल हूँ, जिसने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, अपने से पहले अवतरित किताब तौरात की पुष्टि करने वाला हूँ। अतः, मैं कोई नया रसूल नहीं हूँ, तथा एक रसूल की शुभ सूचना देने वाला हूँ, जो मेरे बाद आएगा, जिसका नाम अहमद होगा। फिर जब ईसा अलैहिस्सलाम उनके पास अपनी सच्चाई को दर्शाने वाले प्रमाण लेकर आए, तो उन्होंने कहा : यह खुला हुआ जादू है। अतः हम इसका पालन नहीं करेंगे। info
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7 : 61

وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ الْكَذِبَ وَهُوَ یُدْعٰۤی اِلَی الْاِسْلَامِ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۚ

और उससे अधिक अत्याचारी कोई नहीं है, जो अल्लाह के विरुद्ध झूठ गढ़े और उसके समकक्ष ठहराकर उसे छोड़कर उनकी पूजा करे, जबकि उसे अल्लाह के लिए विशुद्ध एकेश्वरवाद के धर्म इस्लाम की ओर बुलाया जा रहा है। और अल्लाह उन लोगों को हिदायत और सत्य का रास्ता नहीं दिखाता, जो शिर्क और गुनाहों के द्वारा अपने आप पर अत्याचार करने वाले हैं। info
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8 : 61

یُرِیْدُوْنَ لِیُطْفِـُٔوْا نُوْرَ اللّٰهِ بِاَفْوَاهِهِمْ ؕ— وَاللّٰهُ مُتِمُّ نُوْرِهٖ وَلَوْ كَرِهَ الْكٰفِرُوْنَ ۟

ये झुठलाने वाले अपने द्वारा जारी होने वाली भ्रष्ट बातों तथा सत्य को विकृत करने के माध्यम से अल्लाह के प्रकाश को बुझाना चाहते हैं, और अल्लाह उनके नापसंद करने के बावजूद अपने धर्म को धरती के चारों कोनों में फैलाकर तथा अपने शब्द को ऊँचा करके अपने प्रकाश को पूरा करने वाला है। info
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9 : 61

هُوَ الَّذِیْۤ اَرْسَلَ رَسُوْلَهٗ بِالْهُدٰی وَدِیْنِ الْحَقِّ لِیُظْهِرَهٗ عَلَی الدِّیْنِ كُلِّهٖ ۙ— وَلَوْ كَرِهَ الْمُشْرِكُوْنَ ۟۠

अल्लाह वही है, जिसने अपने रसूल मुहम्मद सल्ल्लाहु अलैहि व सल्लम को इस्लाम धर्म के साथ भेजा, जो भलाई के लिए मार्गदर्शन का धर्म तथा लाभकारी ज्ञान और अच्छे कर्मों का धर्म है। ताकि उसे, मुश्रिकों के न चाहने के बावजूद, सभी धर्मों पर हावी (सर्वोच्च) कर दे, जो यह नहीं चाहते कि धरती में उसका बोल बाला हो। info
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10 : 61

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا هَلْ اَدُلُّكُمْ عَلٰی تِجَارَةٍ تُنْجِیْكُمْ مِّنْ عَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! क्या मैं तुम्हें एक लाभदायक व्यापार के लिए मार्गदर्शन करूँ, जो तुम्हें दर्दनाक यातना से बचा ले? info
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11 : 61

تُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَتُجَاهِدُوْنَ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ بِاَمْوَالِكُمْ وَاَنْفُسِكُمْ ؕ— ذٰلِكُمْ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟ۙ

यह लाभदायक व्यापार यह है कि तुम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान ले आओ, और उसकी प्रसन्नता तलाश करते हुए, अपने धन को खर्च करके और अपनी जान न्योछावर करके, उसके मार्ग में जिहाद करो। यह उपर्युक्त कार्य तुम्हारे लिए बेहतर है। यदि तुम जानते हो, तो इसके लिए जल्दी करो। info
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12 : 61

یَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوْبَكُمْ وَیُدْخِلْكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ وَمَسٰكِنَ طَیِّبَةً فِیْ جَنّٰتِ عَدْنٍ ؕ— ذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟ۙ

इस व्यापार का लाभ यह है कि अल्लाह तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर देगा और तुम्हें ऐसी जन्नतों में दाखिल करेगा, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें जारी होंगी, और तुम्हें स्थायी जन्नतों के अंदर अच्छे आवासों में दाखिल करेगा, जहाँ से कोई प्रस्थान नहीं होगा। यह उपर्युक्त बदला ही वह महान सफलता है जिसके बराबर कोई अन्य सफलता नहीं हो सकती। info
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13 : 61

وَاُخْرٰی تُحِبُّوْنَهَا ؕ— نَصْرٌ مِّنَ اللّٰهِ وَفَتْحٌ قَرِیْبٌ ؕ— وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟

इस व्यापार से लाभ की एक और विशेषता है, जो तुम्हें प्रिय है और वह इसी दुनिया में प्राप्त होने वाली है। वह यह है कि अल्लाह तुम्हारे दुश्मन के विरुद्ध तुम्हारी मदद करेगा और तुम्हें एक निकट विजय प्रदान करेगा, जो मक्का वग़ैरह की विजय है। और (ऐ रसूल) मोमिनों को इस दुनिया में विजय और आखिरत में जन्नत की प्राप्ति की हर्षदायक सूचना दे दें। info
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14 : 61

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا كُوْنُوْۤا اَنْصَارَ اللّٰهِ كَمَا قَالَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ لِلْحَوَارِیّٖنَ مَنْ اَنْصَارِیْۤ اِلَی اللّٰهِ ؕ— قَالَ الْحَوَارِیُّوْنَ نَحْنُ اَنْصَارُ اللّٰهِ فَاٰمَنَتْ طَّآىِٕفَةٌ مِّنْ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ وَكَفَرَتْ طَّآىِٕفَةٌ ۚ— فَاَیَّدْنَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا عَلٰی عَدُوِّهِمْ فَاَصْبَحُوْا ظٰهِرِیْنَ ۟۠

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! तुम अपने रसूल के लाए हुए धर्म की मदद करके अल्लाह के मददगार बन जाओ, वैसे ही जैसे ह़वारियों ने मदद की थी, जब ईसा अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा था : अल्लाह की ओर मेरे सहायक कौन हैं? तो उन्होंने अविलंब उत्तर दिया : हम अल्लाह के सहायक हैं! चुनाँचे बनी इसराईल का एक समूह ईसा अलैहिस्सलाम पर ईमान ले आया और दूसरे समूह ने उन्हें मानने से इनकार कर दिया। अतः हमने ईसा अलैहिस्सलाम को मानने वालों का उन लोगों के विरुद्ध समर्थन किया, जिन्होंने उनका इनकार किया था। तो वे उनपर विजयी रहे। info
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इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• تبشير الرسالات السابقة بنبينا صلى الله عليه وسلم دلالة على صدق نبوته.
• पिछले रसूलों का हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की शुभ सूचना देना, आपके सच्चे नबी होने का प्रमाण है। info

• التمكين للدين سُنَّة إلهية.
• धर्म का सशक्तिकरण एक ईश्वरीय नियम है। info

• الإيمان والجهاد في سبيل الله من أسباب دخول الجنة.
• ईमान और अल्लाह के मार्ग में जिहाद करना जन्नत में प्रवेश करने के कारणों में से हैं। info

• قد يعجل الله جزاء المؤمن في الدنيا، وقد يدخره له في الآخرة لكنه لا يُضَيِّعه - سبحانه -.
• अल्लाह मोमिन को उसका प्रतिफल कभी दुनिया ही में दे देता है और कभी उसके लिए आख़िरत में जमा रखता है, लेकिन वह - महिमावान - उसे बर्बाद नहीं करता है। info