કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ

अल्-इन्सान

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
تذكير الإنسان بأصل خلقه، ومصيره، وبيان ما أعد الله في الجنة لأوليائه.
मनुष्य को उसकी उत्पत्ति का मूल (असल) और उसका अंजाम याद दिलाना, तथा अल्लाह ने अपने नेक बंदों के लिए जन्नत में जो कुछ तैयार किया है, उसे बयान करना। info

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1 : 76

هَلْ اَتٰی عَلَی الْاِنْسَانِ حِیْنٌ مِّنَ الدَّهْرِ لَمْ یَكُنْ شَیْـًٔا مَّذْكُوْرًا ۟

निश्चय मनुष्य पर एक लंबा समय बीता है, जिसके दौरान वह अस्तित्वहीन था, उसका कोई उल्लेख नहीं था info
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2 : 76

اِنَّا خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنْ نُّطْفَةٍ اَمْشَاجٍ ۖۗ— نَّبْتَلِیْهِ فَجَعَلْنٰهُ سَمِیْعًا بَصِیْرًا ۟ۚ

हमने इनसान को एक पुरुष और एक महिला के पानी से मिश्रित वीर्य से पैदा किया, हम उसे शरई अहकाम का बाध्य करके उसका परीक्षण करते हैं। इसलिए हमने उसे सुनने वाला, देखने वाला बनाया, ताकि हमने उसे शरई अहकाम की जो ज़िम्मेदारी सौंपी है, उसे वह अंजाम दे सके। info
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3 : 76

اِنَّا هَدَیْنٰهُ السَّبِیْلَ اِمَّا شَاكِرًا وَّاِمَّا كَفُوْرًا ۟

हमने अपने रसूलों की ज़बानी उसके लिए हिदायत का रास्ता बयान कर दिया, जिससे उसके लिए गुमराही का मार्ग स्पष्ट हो गया। अब वह इसके बाद या तो सीधे रास्ते को पकड़ ले और अल्लाह का शुक्रगुज़ार मोमिन बंदा बन जाए, और या तो उससे भटक जाए और अल्लाह की आयतों का इनकार करने वाला काफ़िर बंदा बन जाए। info
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4 : 76

اِنَّاۤ اَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ سَلٰسِلَاۡ وَاَغْلٰلًا وَّسَعِیْرًا ۟

हमने अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करने वालों के लिए ज़ंजीरें तैयार की हैं, जिनके साथ वे आग में घसीटे जाएँगे, और तौक़ तैयार की हैं, जो उन्हें पहनाए जाएँगे और भड़कती हुई आग तैयार की है। info
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5 : 76

اِنَّ الْاَبْرَارَ یَشْرَبُوْنَ مِنْ كَاْسٍ كَانَ مِزَاجُهَا كَافُوْرًا ۟ۚ

अल्लाह की आज्ञा का पालन करने वाले मोमिन, क़ियामत के दिन शराब के भरे हुए एक ऐसे जाम से पिएँगे, जिसके साथ उसकी अच्छी महक के लिए कपूर मिश्रित होगा। info
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આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• خطر حب الدنيا والإعراض عن الآخرة.
• दुनिया को प्यार करने और आख़िरत से दूर होने का खतरा। info

• ثبوت الاختيار للإنسان، وهذا من تكريم الله له.
• इनसान के लिए 'इख़्तियार' (चुनने) का सबूत। यह अल्लाह की ओर से उसे सम्मान देना है। info

• النظر لوجه الله الكريم من أعظم النعيم.
• अल्लाह के पवित्र चेहरे को देखना सबसे बड़ी नेमत है। info

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6 : 76

عَیْنًا یَّشْرَبُ بِهَا عِبَادُ اللّٰهِ یُفَجِّرُوْنَهَا تَفْجِیْرًا ۟

आज्ञाकारियों के लिए तैयार किया गया यह पेय एक ऐसे स्रोत से है, जो पीने में आसान है और प्रचुर मात्रा में है, जो कभी ख़त्म नहीं होगा। उससे अल्लाह के बंदे पीएँगे और उसे जहाँ चाहेंगे, बहा ले जाएँगे। info
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7 : 76

یُوْفُوْنَ بِالنَّذْرِ وَیَخَافُوْنَ یَوْمًا كَانَ شَرُّهٗ مُسْتَطِیْرًا ۟

इसे पीने वाले बंदों की विशेषताएँ यह हैं कि वे जिन नेकी के कामों को अपने ऊपर अनिवार्य कर लेते हैं, उन्हें पूरा करते हैं और उस दिन से डरते हैं, जिसकी बुराई बहुत अधिक फैली हुई होगी और वह क़ियामत का दिन है। info
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8 : 76

وَیُطْعِمُوْنَ الطَّعَامَ عَلٰی حُبِّهٖ مِسْكِیْنًا وَّیَتِیْمًا وَّاَسِیْرًا ۟

और वे अपनी आवश्यकता और इच्छा के कारण, खाने को पसंद करने के बावजूद, उसे ग़रीबों, अनाथों और बंदियों जैसे ज़रूरतमंदों को खिला देते हैं। info
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9 : 76

اِنَّمَا نُطْعِمُكُمْ لِوَجْهِ اللّٰهِ لَا نُرِیْدُ مِنْكُمْ جَزَآءً وَّلَا شُكُوْرًا ۟

वे अपने दिल में यह बात रखते हैं कि वे उन्हें केवल अल्लाह की प्रसन्नता की प्राप्ति के लिए खाना खिलाते हैं। वे उन्हें खिलाने के लिए उनसे कोई बदला या प्रशंसा नहीं चाहते हैं। info
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10 : 76

اِنَّا نَخَافُ مِنْ رَّبِّنَا یَوْمًا عَبُوْسًا قَمْطَرِیْرًا ۟

हम अपने पालनहार से उस दिन से डरते हैं, जिसकी गंभीरता और भयावहता के कारण अभागा लोगों के माथे पर बल पड़े हुए होंगे। info
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11 : 76

فَوَقٰىهُمُ اللّٰهُ شَرَّ ذٰلِكَ الْیَوْمِ وَلَقّٰىهُمْ نَضْرَةً وَّسُرُوْرًا ۟ۚ

तो अल्लाह ने उन्हें अपने अनुग्रह से उस महान दिन की आपदा से बचा लिया, और उन्हें, उनके सम्मान के लिए, उनके चेहरों पर चमक और प्रकाश, तथा उनके दिलों में ख़ुशी प्रदान किया। info
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12 : 76

وَجَزٰىهُمْ بِمَا صَبَرُوْا جَنَّةً وَّحَرِیْرًا ۟ۙ

और अल्लाह ने उन्हें (उनके नेक कार्यों पर जमे रहने, अल्लाह के निर्णयों पर सब्र करने और गुनाहों से दूर रहने के कारण) जन्नत प्रदान की, जिसकी नेमतों का वे आनंद लेंगे, और रेशमी वस्त्र प्रदान किया जो वे पहनेंगे। info
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13 : 76

مُّتَّكِـِٕیْنَ فِیْهَا عَلَی الْاَرَآىِٕكِ ۚ— لَا یَرَوْنَ فِیْهَا شَمْسًا وَّلَا زَمْهَرِیْرًا ۟ۚ

वे उसके अंदर अलंकृत तख्तों पर टेक लगाए बैठे होंगे। वे न उसमें सूरज देखेंगे, जिसकी किरणें उन्हें कष्ट देंगी और न ही भयंकर ठंड। बल्कि वे एक स्थायी छाया में होंगे, जिसमें न तो गर्मी होगी और न ही ठंड। info
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14 : 76

وَدَانِیَةً عَلَیْهِمْ ظِلٰلُهَا وَذُلِّلَتْ قُطُوْفُهَا تَذْلِیْلًا ۟

उसके साए उनके क़रीब होंगे और उसके फल खाने वाले के वश में कर दिए जाएँगे। चुनाँचे वह बड़ी आसानी से उन्हें ले सकेगा, वह लेटे, बैठे और खड़े जिस तरह चाहेगा, उन्हें तोड़ सकेगा। info
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15 : 76

وَیُطَافُ عَلَیْهِمْ بِاٰنِیَةٍ مِّنْ فِضَّةٍ وَّاَكْوَابٍ كَانَتْ قَوَارِیْرَ ۟ۙ

और जब वे पीने की इच्छा करेंगे, तो सेवक चाँदी के बरतन और उसके पारदर्शी प्याले लिए हुए उनके पास घूम रहे होंगे। info
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16 : 76

قَوَارِیْرَ مِنْ فِضَّةٍ قَدَّرُوْهَا تَقْدِیْرًا ۟

वे शीशे की तरह चमक रहे होंगे, परंतु वे चाँदी के होंगे। उनका पीने वालों की इच्छा के अनुसार अनुमान लगाया गया होगा, न उससे अधिक और न ही कम। info
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17 : 76

وَیُسْقَوْنَ فِیْهَا كَاْسًا كَانَ مِزَاجُهَا زَنْجَبِیْلًا ۟ۚ

और ये सम्मानित लोग सोंठ मिली हुई शराब के जाम पिलाए जाएँगे। info
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18 : 76

عَیْنًا فِیْهَا تُسَمّٰی سَلْسَبِیْلًا ۟

वे जन्नत में एक स्रोत से पिलाए जाएँगे, जिसे 'सलसबील' कहा जाता है। info
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19 : 76

وَیَطُوْفُ عَلَیْهِمْ وِلْدَانٌ مُّخَلَّدُوْنَ ۚ— اِذَا رَاَیْتَهُمْ حَسِبْتَهُمْ لُؤْلُؤًا مَّنْثُوْرًا ۟

और जन्नत में उनके आस-पास ऐसे बालक चक्कर लगा रहे होंगे, जो सदा जवान रहेंगे। उनके चेहरे ऐसे तरो-ताज़ा होंगे, उनका रंग इतना सुंदर होगा और वे इतनी बड़ी संख्या में इधर-उधर फैले होंगे कि जब तुम उन्हें देखोगे, तो बिखरे हुए मोती समझोगे। info
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20 : 76

وَاِذَا رَاَیْتَ ثَمَّ رَاَیْتَ نَعِیْمًا وَّمُلْكًا كَبِیْرًا ۟

और जब तुम देखोगे कि जन्नत में क्या है, तो तुम अवर्णनीय आनंद देखोगे, तथा तुम एक महान राज्य को देखोगे, जिसकी तुलना किसी भी राज्य से नहीं की जा सकती। info
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21 : 76

عٰلِیَهُمْ ثِیَابُ سُنْدُسٍ خُضْرٌ وَّاِسْتَبْرَقٌ ؗ— وَّحُلُّوْۤا اَسَاوِرَ مِنْ فِضَّةٍ ۚ— وَسَقٰىهُمْ رَبُّهُمْ شَرَابًا طَهُوْرًا ۟

उनके शरीर पर पतले रेशम और दबीज़ रेशम से बने शानदार हरे कपड़े होंगे, और वहाँ उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे और अल्लाह उन्हें ऐसी शराब पिलाएगा, जो हर अप्रिय चीज़ से पाक होगी। info
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22 : 76

اِنَّ هٰذَا كَانَ لَكُمْ جَزَآءً وَّكَانَ سَعْیُكُمْ مَّشْكُوْرًا ۟۠

उनसे उनके सम्मान स्वरूप कहा जाएगा : निश्चय यह नेमत जो तुम्हें दी गई है, तुम्हारे अच्छे कर्मों का प्रतिफल है और तुम्हारे कर्म अल्लाह के यहाँ स्वीकार्य हैं। info
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23 : 76

اِنَّا نَحْنُ نَزَّلْنَا عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ تَنْزِیْلًا ۟ۚ

निश्चय हमने आपपर (ऐ रसूल) यह क़ुरआन थोड़ा-थोड़ा करके उतारा है और उसे आप पर एक ही बार में नहीं उतारा है। info
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24 : 76

فَاصْبِرْ لِحُكْمِ رَبِّكَ وَلَا تُطِعْ مِنْهُمْ اٰثِمًا اَوْ كَفُوْرًا ۟ۚ

अतः अल्लाह जो कुछ निर्णय करता या धार्मिक आदेश देता है, आप उसके लिए धैर्य रखें, तथा किसी पापी का उस पाप में पालन न करें जिसके लिए वह कहता है, और न किसी काफ़िर का उस कुफ़्र में अनुसरण करें जिसके लिए वह आह्वान करता है। info
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25 : 76

وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ بُكْرَةً وَّاَصِیْلًا ۟ۖۚ

और अपने रब को दिन की शुरुआत में फ़ज्र की नमाज़ के ज़रिए और उसके अंतिम भाग में ज़ुहर और अस्र की नमाज़ के ज़रिए याद करते रहें। info
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આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الوفاء بالنذر وإطعام المحتاج، والإخلاص في العمل، والخوف من الله: أسباب للنجاة من النار، ولدخول الجنة.
• मन्नत पूरी करना, ज़रूरतमंद को खाना खिलाना, काम में अल्लाह के प्रति निष्ठा और अल्लाह का भय रखना : जहन्नम से मुक्ति और जन्नत में प्रवेश के कारण हैं। info

• إذا كان حال الغلمان الذين يخدمونهم في الجنة بهذا الجمال، فكيف بأهل الجنة أنفسهم؟!
• जब जन्नत में जन्नतियों की सेवा करने वाले लड़कों की सुंदरता का यह हाल है, तो खुद जन्नतियों की सुंदरता कैसी होगी? info

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26 : 76

وَمِنَ الَّیْلِ فَاسْجُدْ لَهٗ وَسَبِّحْهُ لَیْلًا طَوِیْلًا ۟

और उसे रात की दो नमाज़ों : मग़रिब एवं इशा की नमाज़ों के ज़रिए याद करें, तथा इनके बाद भी उसके लिए जागकर नमाज़ पढ़ें। info
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27 : 76

اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ یُحِبُّوْنَ الْعَاجِلَةَ وَیَذَرُوْنَ وَرَآءَهُمْ یَوْمًا ثَقِیْلًا ۟

ये मुश्रिक लोग सांसारिक जीवन से प्यार करते हैं और उसके लिए उत्सुक होते हैं, और क़ियामत के दिन को अपने पीछे छोड़ देते हैं, जो एक भारी दिन है, क्योंकि उसमें कठिनाइयों और क्लेशों का सामना होगा। info
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28 : 76

نَحْنُ خَلَقْنٰهُمْ وَشَدَدْنَاۤ اَسْرَهُمْ ۚ— وَاِذَا شِئْنَا بَدَّلْنَاۤ اَمْثَالَهُمْ تَبْدِیْلًا ۟

हम ही ने उन्हें पैदा किया और उनके जोड़ों और अंगों आदि को मज़बूत करके उनकी रचना को मज़बूत किया। तथा जब हम उन्हें नष्ट करना और उन्हें बदलकर उन्हीं जैसों को लाना चाहेंगे, तो हम उन्हें नष्ट कर देंगे और उन्हें बदल देंगे। info
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29 : 76

اِنَّ هٰذِهٖ تَذْكِرَةٌ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟

निश्चय यह सूरत एक उपदेश और याददेहानी है। अतः जो अल्लाह की प्रसन्नता तक पहुँचाने वाला मार्ग ग्रहण करना चाहे, उसे ग्रहण कर ले। info
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30 : 76

وَمَا تَشَآءُوْنَ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟

और तुम अल्लाह की प्रसन्नता का मार्ग ग्रहण करने की इच्छा नहीं कर सकते, सिवाय इसके कि अल्लाह तुमसे ऐसा चाहे। क्योंकि सारा मामला अल्लाह के हाथ में है। अल्लाह जानता है कि उसके बंदों के लिए क्या अच्छा है, और उनके लिए क्या अच्छा नहीं है। वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति) और शरीयत में हिकमत वाला है। info
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31 : 76

یُّدْخِلُ مَنْ یَّشَآءُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— وَالظّٰلِمِیْنَ اَعَدَّ لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠

वह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपनी रहमत में दाखिल करता है। अतः वह उन्हें ईमान और सत्कर्म का सामर्थ्य प्रदान करता है। तथा उसने अपने आपपर कुफ़्र और पापों के द्वारा अत्याचार करने वालों के लिए दर्दनाक यातना तैयार कर रखी है, और वह जहन्नम की यातना है। info
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આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• خطر التعلق بالدنيا ونسيان الآخرة.
• दुनिया से लगाव और आख़िरत को भूल जाने का खतरा। info

• مشيئة العبد تابعة لمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा, अल्लाह की इच्छा के अधीन है। info

• إهلاك الأمم المكذبة سُنَّة إلهية.
• झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट करना अल्लाह की परंपरा रही है। info