કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષામાં અલ્ મુખતસર ફી તફસીરિલ્ કુરઆનીલ્ કરીમ કિતાબનું અનુવાદ

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59 : 40

اِنَّ السَّاعَةَ لَاٰتِیَةٌ لَّا رَیْبَ فِیْهَا ؗ— وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟

निश्चय ही वह क़ियामत, जिसमें अल्लाह मुर्दों को हिसाब-किताब तथा प्रतिकार के लिए जीवित करके उठाएगा, आने वाली है। उसमें कोई शंका या संदेह नहीं। परन्तु, अधिकतर लोग उसके आने पर ईमान (विश्वास) नहीं रखते। इसी कारण उसके लिए तैयारी नहीं करते। info
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60 : 40

وَقَالَ رَبُّكُمُ ادْعُوْنِیْۤ اَسْتَجِبْ لَكُمْ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَسْتَكْبِرُوْنَ عَنْ عِبَادَتِیْ سَیَدْخُلُوْنَ جَهَنَّمَ دٰخِرِیْنَ ۟۠

और (ऐ लोगो) तुम्हारे पालनहार ने कहा है कि केवल मेरी ही वंदना करो और मुझ ही से माँगो। मैं तुम्हारी पुकार का जवाब दूँगा और तुम्हें क्षमा कर दूँगा तथा तुम पर दया करुँगा। अवश्य जो लोग अकेले मेरी इबादत (प्रार्थना) से अभिमान करेंगे, वे क़ियामत के दिन अपमानित एवं ज़लील होकर जहन्नम में दाख़िल होंगे। info
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61 : 40

اَللّٰهُ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ لِتَسْكُنُوْا فِیْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَذُوْ فَضْلٍ عَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟

अल्लाह ही ने तुम्हारे लिए रात्रि को अंधकारमय बनाया, ताकि तुम उसमें विश्राम कर सको, तथा दिन को प्रकाशमान बनाया, ताकि उसमें काम कर सको। निश्चय अल्लाह लोगों पर बड़ा अनुग्रहशील है कि उन्हें अपनी प्रकट एवं गुप्त नेमतों से नवाज़ा। किन्तु, अधिकतर लोग उसकी नेमतों का शुक्र अदा नहीं करते। info
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62 : 40

ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ خَالِقُ كُلِّ شَیْءٍ ۘ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؗ— فَاَنّٰی تُؤْفَكُوْنَ ۟

यही अल्लाह, जिसने अपनी नेमतों के साथ तुमपर उपकार किया है, वही हर चीज़ का पैदा करने वाला है। अतः उसके अलावा कोई दूसरा पैदा करने वाला नहीं है, और उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। फिर तुम उसकी इबादत छोड़कर उसके अलावा ऐसी चीज़ की इबादत की ओर कैसे फिरे जाते हो, जो किसी लाभ या हानि का मालिक नहीं है। info
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63 : 40

كَذٰلِكَ یُؤْفَكُ الَّذِیْنَ كَانُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ یَجْحَدُوْنَ ۟

जिस प्रकार यह लोग एक अल्लाह पर ईमान तथा केवल उसी की इबादत से फेर दिए गए, उसी प्रकार वह लोग भी हर युग तथा हर स्थान में बहकाए जाएँगे, जो अल्लाह के एकत्व की निशानियों का इनकार करेंगे। फिर वे सत्य मार्ग तक पहुँच नहीं पाएँगे और उन्हें सही रास्ते पर चलने की शक्ति भी नहीं दी जाएगी। info
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64 : 40

اَللّٰهُ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ قَرَارًا وَّالسَّمَآءَ بِنَآءً وَّصَوَّرَكُمْ فَاَحْسَنَ صُوَرَكُمْ وَرَزَقَكُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ ؕ— ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ ۖۚ— فَتَبٰرَكَ اللّٰهُ رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟

अल्लाह ही है, जिसने धरती को (ऐ लोगो!) तुम्हारे रहने योग्य बनाया और तुम्हारे ऊपर आसमान को मज़बूत संरचना वाला बनाया, जो गिरने से सुरक्षित है। और उसने तुम्हें तुम्हारी माताओं के गर्भ में चित्रित किया, तो तुम्हारे अच्छे रूप बनाए। तथा तुम्हें हलाल और अच्छी चीज़ों से जीविका प्रदान की। जिस अस्तित्व ने तुम्हें इन नेमतों से अनुगृहीत किया है, वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है। अतः सभी प्राणियों का पालनहार अल्लाह बहुत बरकत वाला है। इसलिए उस महिमावान के सिवा उनका कोई पालनहार नहीं है। info
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65 : 40

هُوَ الْحَیُّ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ فَادْعُوْهُ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ؕ— اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟

वह जीवित है, जो मरेगा नहीं। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। अतः, उसी को, उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए, पुकारो; इबादत के रूप में भी और फ़रियाद के तौर भी। उसके साथ किसी मखलूक़ को शरीक न करो। सारी प्रशंसा उस अल्लाह की है, जो सारी सृष्टियों का पालनहार है। info
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66 : 40

قُلْ اِنِّیْ نُهِیْتُ اَنْ اَعْبُدَ الَّذِیْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ لَمَّا جَآءَنِیَ الْبَیِّنٰتُ مِنْ رَّبِّیْ ؗ— وَاُمِرْتُ اَنْ اُسْلِمَ لِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟

(ऐ रसूल) आप कह देंः निश्चय मुझे मेरे अल्लाह ने इस बात से मना किया है कि उन मूर्तियों की वंदना करूँ, जिनकी वंदना में तुम लगे हो, जो न नुकसान पहुँचा सकती हैं न लाभ, जबकि मेरे पास इस बात के प्रमाण आ चुके हैं कि उनकी वंदना ग़लत है। और अल्लाह ने मुझे आदेश दिया है कि मैं इबादत के माध्यम से केवल उसीके आगे झुकूँ, क्योंकि वही सारी सृष्टियों का पालनहार है। उनका उसके सिवा कोई पालनहार नहीं है। info
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આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• دخول الدعاء في مفهوم العبادة التي لا تصرف إلا إلى الله؛ لأن الدعاء هو عين العبادة.
• दुआ इबादत में दाख़िल है, जिसे अल्लाह के सिवा किसी और के लिए नहीं किया जा सकता। क्योंकि दुआ ही असल इबादत है। info

• نعم الله تقتضي من العباد الشكر.
• अल्लाह की नेमतों का तक़ाज़ा है कि बंदे उनका शुक्र अदा करें। info

• ثبوت صفة الحياة لله.
• अल्लाह के जीवित होने का सबूत। info

• أهمية الإخلاص في العمل.
• कर्म में इख़लास का महत्व। info