ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى - عزیزالحق العمری

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10 : 68

وَلَا تُطِعْ كُلَّ حَلَّافٍ مَّهِیْنٍ ۟ۙ

और आप किसी बहुत क़समें खाने वाले, हीन व्यक्ति की बात न मानें।[3] info

3. इन आयतों में किसी विशेष काफ़िर की दशा का वर्णन नहीं, बल्कि काफ़िरों के प्रमुखों के नैतिक पतन तथा कुविचारों और दुराचारों को बताया गया है, जो लोगों को इस्लाम के विरुद्ध उकसा रहे थे। तो फिर क्या इनकी बात मानी जा सकती है?

التفاسير: