ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى - عزیزالحق العمری

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75 : 19

قُلْ مَنْ كَانَ فِی الضَّلٰلَةِ فَلْیَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ۚ۬— حَتّٰۤی اِذَا رَاَوْا مَا یُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ؕ۬— فَسَیَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ۟

(हे नबी!) आप कह दें कि जो व्यक्ति गुमराही में पड़ा हुआ है, तो रहमान उसे एक अवधि तक मोहलत देता है। यहाँ तक कि जब वे उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है; या तो यातना और या क़ियामत, तो वे अवश्य जान लेंगे कि कौन स्थिति में अधिक बुरा और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमज़ोर है। info
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