ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى کتاب مختصر در تفسير قرآن كريم

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11 : 58

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِذَا قِیْلَ لَكُمْ تَفَسَّحُوْا فِی الْمَجٰلِسِ فَافْسَحُوْا یَفْسَحِ اللّٰهُ لَكُمْ ۚ— وَاِذَا قِیْلَ انْشُزُوْا فَانْشُزُوْا یَرْفَعِ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مِنْكُمْ ۙ— وَالَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ دَرَجٰتٍ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟

ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! जब तुमसे कहा जाए कि मजलिसों (बैठकों) में जगह कुशादा कर दो, तो उनमें जगह बना दिया करो। अल्लाह तुम्हारे सांसारिक जीवन तथा आख़िरत में तुम्हारे लिए विस्तार पैदा करेगा। और जब तुमसे कहा जाए : कुछ मजलिसों से उठ जाओ, ताकि वहाँ प्रतिष्ठित लोग बैठ सकें, तो वहाँ से उठ जाया करो। अल्लाह तुममें से उन लोगों के दर्जों (पदों) को बहुत ऊँचा करेगा, जो ईमान लाए और जो ज्ञान दिए गए। और अल्लाह तुम्हारे कार्यों से पूरी तरह अवगत है। उससे तुम्हारे कार्यों में से कुछ भी छिपा नहीं है। और वह तुम्हें उनका बदला देगा। info
التفاسير:
از فواید آیات این صفحه:
• مع أن الله عالٍ بذاته على خلقه؛ إلا أنه مطَّلع عليهم بعلمه لا يخفى عليه أي شيء.
• यद्यपि अल्लाह अपने अस्तित्व के साथ अपनी सृष्टि पर सर्वोच्च है, परंतु वह अपने ज्ञान के साथ उनसे अवगत है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है। info

• لما كان كثير من الخلق يأثمون بالتناجي أمر الله المؤمنين أن تكون نجواهم بالبر والتقوى.
• जब बहुतेरे लोग कानाफूसी के कारण पाप कर रहे थे, ऐसे में अल्लाह ईमान वालों को आदेश देता है कि उनकी कानाफूसी नेकी और तक़्वा (धर्मपरायणता) पर आधारित होनी चाहिए। info

• من آداب المجالس التوسيع فيها للآخرين.
• मजलिसों के शिष्टाचार में से यह है कि दूसरों के लिए जगह बनाई जाए। info