ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى کتاب مختصر در تفسير قرآن كريم

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46 : 33

وَّدَاعِیًا اِلَی اللّٰهِ بِاِذْنِهٖ وَسِرَاجًا مُّنِیْرًا ۟

हमने आपको अल्लाह के आदेश से उसके एकेश्वरवाद और उसकी आज्ञाकारिता की ओर बुलाने वाला बनाकर भेजा है। तथा हमने आपको एक प्रकाशमान् दीप बनाकर भेजा है, जिससे हर मार्गदर्शन चाहने वाला प्रकाश प्राप्त करता है। info
التفاسير:
از فواید آیات این صفحه:
• الصبر على الأذى من صفات الداعية الناجح.
• कष्ट पर धैर्य धारण करना सफ़ल उपदेशक की विशेषताओं में से है। info

• يُنْدَب للزوج أن يعطي مطلقته قبل الدخول بها بعض المال جبرًا لخاطرها.
• पति के लिए बेहतर है कि सहवास से पहले अपनी तलाक़ दी हुई स्त्री को, उसके दिल की सांत्वना के लिए, कुछ धन दे दे। info

• خصوصية النبي صلى الله عليه وسلم بجواز نكاح الهبة، وإن لم يحدث منه.
• हिबा के निकाह (भेंट स्वरूप विवाह) की अनुमति नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए विशिष्ट है, अगरचे आपसे कोई ऐसा निकाह नहीं हुआ। info