আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ

अल्-फ़ज्र

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
بيان عاقبة الطغاة، والحكمة من الابتلاء، والتذكير بالآخرة.
अत्याचारियों के परिणाम और परीक्षण की हिकमत का बयान, तथा आख़िरत की याद दिलाना। info

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1 : 89

وَالْفَجْرِ ۟ۙ

अल्लाह पाक ने फ़ज्र (उषाकाल) की क़सम खाई है। info
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2 : 89

وَلَیَالٍ عَشْرٍ ۟ۙ

और ज़ुल-हिज्जा के महीने की प्रथम दस रातों की क़सम खाई है। info
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3 : 89

وَّالشَّفْعِ وَالْوَتْرِ ۟ۙ

तथा सम (जोड़े वाली) और विषम (अकेली) चीज़ों की क़सम खाई है। info
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4 : 89

وَالَّیْلِ اِذَا یَسْرِ ۟ۚ

और रात की क़सम खाई है, जब वह आए, चले और प्रस्थान करे। इन क़समों का जवाब यह है कि : तुम अपने कर्मों का अवश्य बदला दिए जाओगे। info
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5 : 89

هَلْ فِیْ ذٰلِكَ قَسَمٌ لِّذِیْ حِجْرٍ ۟ؕ

क्या उपर्युक्त में ऐसी क़सम है, जो अक़्ल वाले व्यक्ति को आश्वस्त कर सकताी है?! info
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6 : 89

اَلَمْ تَرَ كَیْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِعَادٍ ۟

क्या (ऐ रसूल) आपने नहीं देखा कि आपके रब ने हूद अलैहिस्सलाम की जाति 'आद' के साथ किस तरह किया, जब उन्होंने उसके रसूल को झुठलाया?! info
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7 : 89

اِرَمَ ذَاتِ الْعِمَادِ ۟

यह 'आद' जाति का गोत्र है, जो अपने दादा 'इरम' की ओर मंसूब है, जिसके लोग बहुत लंबे होते थे। info
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8 : 89

الَّتِیْ لَمْ یُخْلَقْ مِثْلُهَا فِی الْبِلَادِ ۟

वह ऐसी जाति थी कि जिसके समान अल्लाह ने दुनिया के देशों में किसी को पैदा नहीं किया। info
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9 : 89

وَثَمُوْدَ الَّذِیْنَ جَابُوا الصَّخْرَ بِالْوَادِ ۟

क्या आपने नहीं देखा कि आपके रब ने सालेह अलैहिस्सलाम की जाति समूद के साथ कि तरह किया, जिन्होंने 'ह़िज्र' नामी स्थान पर पहाड़ों की चट्टानों को काटकर घर बनाए?! info
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10 : 89

وَفِرْعَوْنَ ذِی الْاَوْتَادِ ۟

क्या आपने नहीं देखा कि आपके रब ने फ़िरऔन के साथ किस तरह किया, जिसके पास लोगों को यातना देने के लिए मेंखें थीं? info
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11 : 89

الَّذِیْنَ طَغَوْا فِی الْبِلَادِ ۟

ये सभी लोग अत्याचार और अन्याय में सीमा पार कर गए। हर एक ने अपने-अपने देश में सीमा पार किया। info
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12 : 89

فَاَكْثَرُوْا فِیْهَا الْفَسَادَ ۟

उन्होंने उन नगरों में, कुफ़्र और पाप फैलाकर, बहुत अधिक बिगाड़ पैदा किया। info
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13 : 89

فَصَبَّ عَلَیْهِمْ رَبُّكَ سَوْطَ عَذَابٍ ۟ۚۙ

तो अल्लाह ने उन्हें गंभीर यातना चखाई और उन्हें धरती से उखाड़ फेंका। info
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14 : 89

اِنَّ رَبَّكَ لَبِالْمِرْصَادِ ۟ؕ

(ऐ रसूल) निश्चय आपका पालनहार लोगों के कर्मों को देख रहा है और उनका निरीक्षण कर रहा है, ताकि अच्छा कार्य करने वाले को जन्नत के साथ और बुरा कार्य करने वाले को जहन्नम के साथ पुरस्कृत करे। info
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15 : 89

فَاَمَّا الْاِنْسَانُ اِذَا مَا ابْتَلٰىهُ رَبُّهٗ فَاَكْرَمَهٗ وَنَعَّمَهٗ ۙ۬— فَیَقُوْلُ رَبِّیْۤ اَكْرَمَنِ ۟ؕ

जहाँ तक इनसान का मामला है, तो उसका स्वभाव यह है कि यदि उसका पालनहार उसका परीक्षण करे और उसे सम्मानित करे, तथा उसे धन, संतान और प्रतिष्ठा प्रदान करे, तो वह सोचता है कि यह उसे अल्लाह के निकट सम्मान प्राप्त होने के कारण है। चुनाँचे वह कहता है : मेरे पालनहार ने मुझे सम्मानित किया, क्योंकि मैं उसके सम्मान के योग्य था। info
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16 : 89

وَاَمَّاۤ اِذَا مَا ابْتَلٰىهُ فَقَدَرَ عَلَیْهِ رِزْقَهٗ ۙ۬— فَیَقُوْلُ رَبِّیْۤ اَهَانَنِ ۟ۚ

लेकिन जब अल्लाह उसका परीक्षण करे और उसकी आजीविका उसके लिए तंग कर दे, तो वह सोचता है कि इसका कारण यह है कि उसके पालनहार के पास उसका कोई सम्मान नहीं है। चुनाँचे वह कहता है : मेरे पालनहार ने मुझे अपमानित किया। info
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17 : 89

كَلَّا بَلْ لَّا تُكْرِمُوْنَ الْیَتِیْمَ ۟ۙ

हरगिज़ नहीं, यह मामला ऐसा नहीं है, जैसा कि इस व्यक्ति ने कल्पना की है कि नेमत बंदे से अल्लाह के खुश होने का प्रमाण है और सज़ा बंदे से अल्लाह के नाराज़ होने का प्रमाण है। बल्कि, वास्तविकता यह है कि अल्लाह ने तुम्हें जो जीविका प्रदान की है, तुम उससे अनाथ का सम्मान नहीं करते हो। info
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18 : 89

وَلَا تَحٰٓضُّوْنَ عَلٰی طَعَامِ الْمِسْكِیْنِ ۟ۙ

तथा तुम उस ग़रीब को भोजन कराने के लिए एक-दूसरे से आग्रह नहीं करते हो, जिसके पास खाने के लिए कुछ नहीं होता। info
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19 : 89

وَتَاْكُلُوْنَ التُّرَاثَ اَكْلًا لَّمًّا ۟ۙ

और तुम कमज़ोरों; महिलाओं और अनाथों के हक़ों को, हलाल-हराम की परवाह किए बिना, बुरी तरह खा जाते हो। info
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20 : 89

وَّتُحِبُّوْنَ الْمَالَ حُبًّا جَمًّا ۟ؕ

और तुम धन से बहुत प्यार करते हो। इसलिए उसे अल्लाह के मार्ग में खर्च करने में कंजूसी करते हो। info
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21 : 89

كَلَّاۤ اِذَا دُكَّتِ الْاَرْضُ دَكًّا دَكًّا ۟ۙ

तुम्हें हरगिज़ ऐसा नहीं करना चाहिए, और उस समय को याद रखो, जब धरती ज़ोर-ज़ोर से हिला दी जाएगी। info
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22 : 89

وَّجَآءَ رَبُّكَ وَالْمَلَكُ صَفًّا صَفًّا ۟ۚ

और (ऐ रसूल) आपका पालनहार बंदों के बीच निर्णय करने के लिए आएगा और फ़रिश्ते भी पंक्तिबद्ध होकर आ जाएँगे। info
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এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• فضل عشر ذي الحجة على أيام السنة.
• ज़िल-हिज्जा के महीने के (प्रथम) दस दिनों की साल के अन्य दिनों पर श्रेष्ठता। info

• ثبوت المجيء لله تعالى يوم القيامة وفق ما يليق به؛ من غير تشبيه ولا تمثيل ولا تعطيل.
• क़ियामत के दिन अल्लाह का अपनी महिमा के योग्य आने का सबूत। लेकिन उसके आने को न किसी के आने के समान कहा जाएगा, न उसका उदाहरण दिया जाएगा और न उसका इनकार किया जाएगा। info

• المؤمن إذا ابتلي صبر وإن أعطي شكر.
• मोमिन को जब आज़माया जाता है, तो सब्र करता है और जब नेमत दिया जाता है, तो शुक्रिया अदा करता है। info

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23 : 89

وَجِایْٓءَ یَوْمَىِٕذٍ بِجَهَنَّمَ ۙ۬— یَوْمَىِٕذٍ یَّتَذَكَّرُ الْاِنْسَانُ وَاَنّٰی لَهُ الذِّكْرٰی ۟ؕ

उस दिन जहन्नम को इस तरह लाया जाएगा कि उसकी सत्तर हज़ार लगामें होंगी। हर लगाम के साथ सत्तर हज़ार फ़रिश्ते होंगे जो उसे खींच रहे होंगे। उस दिन इनसान याद करेगा कि उसने अल्लाह के पक्ष में क्या-क्या कोताही की है। लेकिन उस दिन याद करना उसे कहाँ से लाभ देगा; क्योंकि वह प्रतिदान दिवस है, कार्य दिवस नहीं?! info
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24 : 89

یَقُوْلُ یٰلَیْتَنِیْ قَدَّمْتُ لِحَیَاتِیْ ۟ۚ

वह बड़े अफ़सोस के साथ कहेगा : ऐ काश! मैंने अपने इस आख़िरत के जीवन के लिए नेक कार्य किए होते, जो वास्तविक जीवन है। info
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25 : 89

فَیَوْمَىِٕذٍ لَّا یُعَذِّبُ عَذَابَهٗۤ اَحَدٌ ۟ۙ

उस दिन अल्लाह की यातना की तरह कोई यातना नहीं देगा, क्योंकि अल्लाह की यातना अधिक गंभीर और स्थायी है। info
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26 : 89

وَّلَا یُوْثِقُ وَثَاقَهٗۤ اَحَدٌ ۟ؕ

और न उसके काफ़िरों को ज़ंजीरों में बाँधने की तरह कोई बाँधेगा। info
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27 : 89

یٰۤاَیَّتُهَا النَّفْسُ الْمُطْمَىِٕنَّةُ ۟ۗۙ

जहाँ तक मोमिन की आत्मा की बात है, तो उसे मौत के समय और क़ियामत के दिन कहा जाएगा : ऐ ईमान और नेक कार्य से संतुष्ट आत्मा! info
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28 : 89

ارْجِعِیْۤ اِلٰی رَبِّكِ رَاضِیَةً مَّرْضِیَّةً ۟ۚ

अपने पालनहार की ओर लौट चल, इस हाल में कि तू भरपूर बदला पाकर उससे संतुष्ट है, और अपने अच्छे कार्यों के कारण उसके निकट पसंदीदा (संतोषजनक) है। info
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29 : 89

فَادْخُلِیْ فِیْ عِبٰدِیْ ۟ۙ

अतः तू मेरे नेक बंदों में शामिल हो जा। info
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30 : 89

وَادْخُلِیْ جَنَّتِیْ ۟۠

और उनके साथ मेरी जन्नत में दाख़िल हो जा, जिसे मैंने उनके लिए तैयार कर रखी है। info
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এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• عتق الرقاب، وإطعام المحتاجين في وقت الشدة، والإيمان بالله، والتواصي بالصبر والرحمة: من أسباب دخول الجنة.
• गर्दन छुड़ाना, संकट के समय में ज़रूरतमंदों को भोजन कराना, अल्लाह पर ईमान रखना और एक-दूसरे को सब्र तथा दया की सलाह देना : जन्नत में प्रवेश करने के कारणों में से हैं। info

• من دلائل النبوة إخباره أن مكة ستكون حلالًا له ساعة من نهار.
• आपकी नुबुव्वत की निशानियों में से एक आपका यह ख़बर देना था कि मक्का दिन की एक घड़ी के लिए आपके लिए हलाल कर दिया जाएगा। info

• لما ضيق الله طرق الرق وسع طرق العتق، فجعل الإعتاق من القربات والكفارات.
• जब अल्लाह ने दासता के रास्तों को संकुचित कर दिया, तो उसने दास-मुक्ति के रास्तों को विस्तृत कर दिया। चुनाँचे गुलाम आज़ाद करने को निकटता के कामों और कफ़्फ़ारों में से बना दिया। info