আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ

পৃষ্ঠা নং:close

external-link copy
17 : 56

یَطُوْفُ عَلَیْهِمْ وِلْدَانٌ مُّخَلَّدُوْنَ ۟ۙ

उनके पास उनकी सेवा के लिए ऐसे बालक घूम रहे होंगे, जो न कभी बूढ़े होंगे और न मरेंगे। info
التفاسير:

external-link copy
18 : 56

بِاَكْوَابٍ وَّاَبَارِیْقَ ۙ۬— وَكَاْسٍ مِّنْ مَّعِیْنٍ ۟ۙ

वे उनके आस-पास ऐसे प्यालों के साथ जिनके दस्ते नहीं होते, ऐसी सुराहियों के साथ जिनके दस्ते होते हैं और छलकते जाम लेकर फिर रहे होंगे, जो जन्नत में बहने वाली शराब के होंगे, जिनके सोते कभी बंद नहीं होंगे। info
التفاسير:

external-link copy
19 : 56

لَّا یُصَدَّعُوْنَ عَنْهَا وَلَا یُنْزِفُوْنَ ۟ۙ

वह मदिरा दुनिया की मदिरा की तरह नहीं होगी। क्योंकि उसके पीने वाले को न सिर दर्द होगा और न ही उसकी बुद्धि प्रभावित होगी। info
التفاسير:

external-link copy
20 : 56

وَفَاكِهَةٍ مِّمَّا یَتَخَیَّرُوْنَ ۟ۙ

और ये बालक उनके पास उनकी पसंद के फल लेकर फिर रहे होंगे। info
التفاسير:

external-link copy
21 : 56

وَلَحْمِ طَیْرٍ مِّمَّا یَشْتَهُوْنَ ۟ؕ

तथा पक्षियों का मांस लेकर फिर रहे होंगे, जिसकी वे इच्छा रखते हैं। info
التفاسير:

external-link copy
22 : 56

وَحُوْرٌ عِیْنٌ ۟ۙ

और उनके लिए जन्नत में बड़ी आँखों वाली सुंदर स्त्रियाँ होंगी। info
التفاسير:

external-link copy
23 : 56

كَاَمْثَالِ اللُّؤْلُو الْمَكْنُوْنِ ۟ۚ

सीपियों में संरक्षित मोतियों की तरह। info
التفاسير:

external-link copy
24 : 56

جَزَآءً بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟

उनके लिए उन अच्छे कर्मों के प्रतिफल के तौर पर जो वे दुनिया में किया करते थे। info
التفاسير:

external-link copy
25 : 56

لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا وَّلَا تَاْثِیْمًا ۟ۙ

वे जन्नत में अश्लील बातें नहीं सुनेंगे, और न ही कोई ऐसी बात जिसके कहने वाले को पाप लगे। info
التفاسير:

external-link copy
26 : 56

اِلَّا قِیْلًا سَلٰمًا سَلٰمًا ۟

वे केवल अपने आपपर फ़रिश्तों का सलाम और उनका आपस में एक-दूसरे को सलाम करना सुनेंगे। info
التفاسير:

external-link copy
27 : 56

وَاَصْحٰبُ الْیَمِیْنِ ۙ۬— مَاۤ اَصْحٰبُ الْیَمِیْنِ ۟ؕ

और दाहिने हाथ वाले - जो अपने कर्मपत्र अपने दाहिने हाथ में दिए जाएँगे - अल्लाह के निकट उनकी स्थिति और उनका पद कितना महान है! info
التفاسير:

external-link copy
28 : 56

فِیْ سِدْرٍ مَّخْضُوْدٍ ۟ۙ

(वे) ऐसी बेरियों में होंगे जिनके काँटे काटे हुए हैं, उनमें कोई कष्ट नहीं है। info
التفاسير:

external-link copy
29 : 56

وَّطَلْحٍ مَّنْضُوْدٍ ۟ۙ

और परत दर परत लगे हुए केलों में। info
التفاسير:

external-link copy
30 : 56

وَّظِلٍّ مَّمْدُوْدٍ ۟ۙ

और ऐसी छाया में जो अच्छी तरह फैली हुई, निरंतर रहने वाली है, जो कभी समाप्त न होगी। info
التفاسير:

external-link copy
31 : 56

وَّمَآءٍ مَّسْكُوْبٍ ۟ۙ

और सदा बहते पानी में। info
التفاسير:

external-link copy
32 : 56

وَّفَاكِهَةٍ كَثِیْرَةٍ ۟ۙ

तथा ढेर सारे फलों में जो सीमित नहीं हैं। info
التفاسير:

external-link copy
33 : 56

لَّا مَقْطُوْعَةٍ وَّلَا مَمْنُوْعَةٍ ۟ۙ

ये फल उनके पास से कभी समाप्त नहीं होंगे। क्योंकि उनका कोई मौसम नहीं होगा। तथा जब भी वे उन्हें लेना चाहेंगे, उसमें कोई बाधा नहीं होगी। info
التفاسير:

external-link copy
34 : 56

وَّفُرُشٍ مَّرْفُوْعَةٍ ۟ؕ

और पलंगों पर लगे ऊँचे बिस्तरों पर (होंगे)। info
التفاسير:

external-link copy
35 : 56

اِنَّاۤ اَنْشَاْنٰهُنَّ اِنْشَآءً ۟ۙ

हमने उपर्युक्त हूरों को असामान्य तरीके से बनाया है। info
التفاسير:

external-link copy
36 : 56

فَجَعَلْنٰهُنَّ اَبْكَارًا ۟ۙ

चुनाँचे हमने उन्हें कुँवारियाँ बनाया, जिन्हें पहले छुआ नहीं गया। info
التفاسير:

external-link copy
37 : 56

عُرُبًا اَتْرَابًا ۟ۙ

जो अपने पतियों को प्रिय और समान उम्र वाली हैं। info
التفاسير:

external-link copy
38 : 56

لِّاَصْحٰبِ الْیَمِیْنِ ۟ؕ۠

हमने उन्हें दाहिने हाथ वालों के लिए बनाया है, जिन्हें उनके सौभाग्यशाली होने की निशानी के तौर पर दाईं ओर ले जाया जाएगा। info
التفاسير:

external-link copy
39 : 56

ثُلَّةٌ مِّنَ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ

वे पिछले नबियों की उम्मतों में से एक समूह हैं। info
التفاسير:

external-link copy
40 : 56

وَثُلَّةٌ مِّنَ الْاٰخِرِیْنَ ۟ؕ

तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत में से एक समूह हैं, जो किअंतिम उम्मत है। info
التفاسير:

external-link copy
41 : 56

وَاَصْحٰبُ الشِّمَالِ ۙ۬— مَاۤ اَصْحٰبُ الشِّمَالِ ۟ؕ

और बाएँ हाथ वाले - जो अपने कर्मपत्र अपने बाएँ हाथ में दिए जाएँगे - उनकी स्थिति और उनका परिणाम कितना खराब है! info
التفاسير:

external-link copy
42 : 56

فِیْ سَمُوْمٍ وَّحَمِیْمٍ ۟ۙ

(वे) बहुत गर्म हवा में और बहुत गर्म पानी में (होंगे)। info
التفاسير:

external-link copy
43 : 56

وَّظِلٍّ مِّنْ یَّحْمُوْمٍ ۟ۙ

और काले धुएँ की छाया में होंगे। info
التفاسير:

external-link copy
44 : 56

لَّا بَارِدٍ وَّلَا كَرِیْمٍ ۟

जो न चलते हुए सुहावनी होगी और न अच्छा दिखने वाली होगी। info
التفاسير:

external-link copy
45 : 56

اِنَّهُمْ كَانُوْا قَبْلَ ذٰلِكَ مُتْرَفِیْنَ ۟ۚۖ

वे इस यातना तक पहुँचने से पहले, दुनिया की सुख-सुविधाओं का आनंद ले रहे थे, उन्हें अपनी इच्छाओं की पूर्ति के सिवा किसी चीज़ की परवाह नहीं थी। info
التفاسير:

external-link copy
46 : 56

وَكَانُوْا یُصِرُّوْنَ عَلَی الْحِنْثِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ

और वे अल्लाह का इनकार करने और उसे छोड़कर मूर्तियों की पूजा करने पर अड़े रहते थे। info
التفاسير:

external-link copy
47 : 56

وَكَانُوْا یَقُوْلُوْنَ ۙ۬— اَىِٕذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟ۙ

और वे मरने के बाद पुनः जीवित किए जाने का इनकार करते थे। चुनाँचे उसका मज़ाक उड़ाते हुए और उसे असंभव समझते हुए कहते थे : क्या जब हम मर जाएँगे तथा मिट्टी और सड़ी हुई हड्डियाँ बन जाएँगे, तो क्या हम उसके बाद फिर से जीवित करके उठाए जाएँगे?! info
التفاسير:

external-link copy
48 : 56

اَوَاٰبَآؤُنَا الْاَوَّلُوْنَ ۟

और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी उठाए जाएँगे, जो हमसे पहले मर गए?! info
التفاسير:

external-link copy
49 : 56

قُلْ اِنَّ الْاَوَّلِیْنَ وَالْاٰخِرِیْنَ ۟ۙ

(ऐ रसूल!) आप इन पुनर्जीवन का इनकार करने वाले लोगों से कह दें : निःसंदेह अगले और पिछले (सभी) लोग। info
التفاسير:

external-link copy
50 : 56

لَمَجْمُوْعُوْنَ ۙ۬— اِلٰی مِیْقَاتِ یَوْمٍ مَّعْلُوْمٍ ۟

क़ियामत के दिन हिसाब और बदले के लिए निश्चित रूप से एकत्र किए जाएँगे। info
التفاسير:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• العمل الصالح سبب لنيل النعيم في الآخرة.
• अच्छा कर्म आख़िरत में आनंद प्राप्त करने का कारण है। info

• الترف والتنعم من أسباب الوقوع في المعاصي.
• विलासिता और सुख-सुविधापूर्ण जीवन बिताना, पापों में पड़ने के कारणों में से एक है। info

• خطر الإصرار على الذنب.
• गुनाह पर बने रहने का खतरा। info