আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ

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49 : 38

هٰذَا ذِكْرٌ ؕ— وَاِنَّ لِلْمُتَّقِیْنَ لَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟ۙ

यह इन लोगों का क़ुरआन में अच्छी प्रशंसा के साथ उल्लेख है। तथा निश्चय अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरने वालों के लिए आख़िरत के घर में बेहतर लौटने का स्थान है। info
التفاسير:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• من صبر على الضر فالله تعالى يثيبه ثوابًا عاجلًا وآجلًا، ويستجيب دعاءه إذا دعاه.
• जो व्यक्ति तकलीफ़ के समय सब्र करेगा, अल्लाह उसे दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों में प्रतिफल देगा, और यदि वह अल्लाह से दुआ करेगा, तो अल्लाह उसकी दुआ को क़बूल करेगा। info

• في الآيات دليل على أن للزوج أن يضرب امرأته تأديبًا ضربًا غير مبرح؛ فأيوب عليه السلام حلف على ضرب امرأته ففعل.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि पति अपनी पत्नी को अनुशासित करने के लिए मार सकता है, लेकिन मार हल्की होनी चाहिए। क्योंकि अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अपनी पत्नी को मारने की क़सम खाई और क़सम को पूरा किया। info