আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ

পৃষ্ঠা নং:close

external-link copy
52 : 19

وَنَادَیْنٰهُ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ الْاَیْمَنِ وَقَرَّبْنٰهُ نَجِیًّا ۟

और हमने मूसा (अलैहिस्सलाम) को, उसके स्थान के हिसाब से (तूर) पहाड़ की दाहिनी ओर से पुकारा और उसे रहस्य की बात करने के लिए निकट कर लिया। चुनाँचे मूसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह की बात सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। info
التفاسير:

external-link copy
53 : 19

وَوَهَبْنَا لَهٗ مِنْ رَّحْمَتِنَاۤ اَخَاهُ هٰرُوْنَ نَبِیًّا ۟

और हमने (उसपर अपनी दया और अनुग्रह के कारण) उसे उसके भाई हारून अलैहिस्सलाम को नबी बनाकर दिया; जो दरअसल उसकी उस दुआ को स्वीकार करने के रूप में था जो उन्होंने अपने रब से माँगी थी। info
التفاسير:

external-link copy
54 : 19

وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِسْمٰعِیْلَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟ۚ

और (ऐ रसूल!) आपपर जो क़ुरआन उतारा गया है, उसमें इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के वृत्तांत की चर्चा करें। निश्चय ही वह वचन का पक्का था, जब भी कोई वादा करता उसे ज़रूर पूरा करता था तथा वह रसूल एवं नबी था। info
التفاسير:

external-link copy
55 : 19

وَكَانَ یَاْمُرُ اَهْلَهٗ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ ۪— وَكَانَ عِنْدَ رَبِّهٖ مَرْضِیًّا ۟

वह अपने परिवार को नमाज़ स्थापित करने और ज़कात देने का आदेश देता था, तथा वह अपने पालनहार के निकट पसंदीदा था। info
التفاسير:

external-link copy
56 : 19

وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِدْرِیْسَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟ۗۙ

तथा (ऐ रसूल!) आपपर जो क़ुरआन उतारा गया है, उसमें इदरीस (अलैहिस्सलाम) के वृत्तांत की चर्चा करें। वह बड़ा सत्यवादी और अपने रब की आयतों को सच मानने वाला था और अल्लाह के नबियों में से एक नबी था। info
التفاسير:

external-link copy
57 : 19

وَّرَفَعْنٰهُ مَكَانًا عَلِیًّا ۟

और हमने उसे नुबुव्वत प्रदान करके उसकी चर्चा को ऊँचा कर दिया। इस प्रकार वह उच्च स्थान पर था। info
التفاسير:

external-link copy
58 : 19

اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ مِّنَ النَّبِیّٖنَ مِنْ ذُرِّیَّةِ اٰدَمَ ۗ— وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؗ— وَّمِنْ ذُرِّیَّةِ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْرَآءِیْلَ ؗ— وَمِمَّنْ هَدَیْنَا وَاجْتَبَیْنَا ؕ— اِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُ الرَّحْمٰنِ خَرُّوْا سُجَّدًا وَّبُكِیًّا ۟

इस सूरत में ज़करिय्या अलैहिस्सलाम से शुरू होकर इदरीस अलैहिस्सलाम तक वर्णित लोग, वे हैं जिन्हें अल्लाह ने नुबुव्वत से सम्मानित किया, आदम अलैहिस्सलाम की संतान में से, तथा उन लोगों की संतान में से जिन्हें हमने नूह़ अलैहिस्सलाम के साथ नाव पर सवार किया, तथा इबराहीम और याक़ूब अलैहिमस्सलाम के वंशज में से, तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने इस्लाम के मार्ग पर चलने का सामर्थ्य प्रदान किया तथा हमने उन्हें चुन लिया और उन्हें नबी बना दिया। इन लोगों का हाल यह था कि जब अल्लाह की आयतों को पढ़ते हुए सुनते, तो अल्लाह के डर से रोते हुए सजदे में गिर जाते थे। info
التفاسير:

external-link copy
59 : 19

فَخَلَفَ مِنْ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ یَلْقَوْنَ غَیًّا ۟ۙ

फिर अल्लाह के इन चुने हुए नबियों के बाद ऐसे बुरे और गुमराह अनुयायी पैदा हुए, जिन्होंने नमाज़ को नष्ट कर दिया और उसे अपेक्षित तरीक़े से नहीं अदा किया, तथा उनके मन में जिन पापों की इच्छा पैदा हुई, उन्हें कर डाले, यहाँ तक कि व्यभिचार जैसे पाप से भी उपेक्षा नहीं की। तो ऐसे लोग शीघ्र ही जहन्नम में बुराई और नाकामी (निराशा) का सामना करेंगे। info
التفاسير:

external-link copy
60 : 19

اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاُولٰٓىِٕكَ یَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا یُظْلَمُوْنَ شَیْـًٔا ۟ۙ

किंतु जिसने अपनी कमियों और लापरवाही से तौबा कर ली, अल्लाह पर ईमान लाया और अच्छे कर्म किए, तो इन गुणों से सुसज्जित लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और उनके कर्मों के सवाब में थोड़ी-सी भी कमी नहीं की जाएगी। info
التفاسير:

external-link copy
61 : 19

جَنّٰتِ عَدْنِ ١لَّتِیْ وَعَدَ الرَّحْمٰنُ عِبَادَهٗ بِالْغَیْبِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ وَعْدُهٗ مَاْتِیًّا ۟

सदा निवास और स्थिरता की जन्नतों में, जिनका अत्यंत दयावान् अल्लाह ने अपने सदाचारी बंदों से (उनके) बिन देखे वादा किया है कि वह उन्हें उनके अंदर दाखिल करेगा। हालाँकि वे उन्हें देखे बिना ही उनपर ईमान ले आए, इसलिए अल्लाह का जन्नत का वादा (भले ही वह अदृश्य हो) अनिवार्य रूप से पूरा होकर रहेगा। info
التفاسير:

external-link copy
62 : 19

لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا اِلَّا سَلٰمًا ؕ— وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِیْهَا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟

वे उनके अंदर कोई व्यर्थ बात और अश्लील शब्द नहीं सुनेंगे। बल्कि आपस में एक-दूसरे को किया जाने वाला सलाम और फ़रिश्तों की ओर से उन्हें प्रस्तुत किया जाने वाला सलाम सुनेंगे और उनके अंदर उन्हें जो खाना वे चाहेंगे, सुबह-शाम मिलता रहेगा। info
التفاسير:

external-link copy
63 : 19

تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْ نُوْرِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَنْ كَانَ تَقِیًّا ۟

इने विशेषताओं के साथ वर्णित यह जन्नत, वह है जिसका उत्तराधिकारी हम अपने उन बंदों को बनाएँगे, जो (हमारे) आदेशों का पालन करने वाले होंगे और (हमारी) मना की हुई चीज़ों से बचने वाले होंगे। info
التفاسير:

external-link copy
64 : 19

وَمَا نَتَنَزَّلُ اِلَّا بِاَمْرِ رَبِّكَ ۚ— لَهٗ مَا بَیْنَ اَیْدِیْنَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَیْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِیًّا ۟ۚ

और (ऐ जिबरील!) मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कह दें : फ़रिश्ते स्वयं नहीं उतरते हैं। बल्कि वे अल्लाह की आज्ञा से उतरते हैं। अल्लाह ही का है जो कुछ हम आख़िरत के मामले से सामना करने वाले हैं, तथा जो हमने इस दुनिया के मामलों से पीछे छोड़ दिया है और जो कुछ इस दुनिया और आख़िरत के बीच है। तथा (ऐ रसूल!) आपका पालनहार कुछ भूलने वाला नहीं है। info
التفاسير:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• حاجة الداعية دومًا إلى أنصار يساعدونه في دعوته.
• धर्म प्रचारक को सदैव ऐसे सहयोगियों की आवश्यकता रहती है, जो धर्म प्रचार के कार्य में उसकी सहायता करें। info

• إثبات صفة الكلام لله تعالى.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए “कलाम” (बात करने) के गुण का सबूत। info

• صدق الوعد محمود، وهو من خلق النبيين والمرسلين، وضده وهو الخُلْف مذموم.
• वादे की सच्चाई सराहनीय है और यह नबियों तथा रसूलों के शिष्टाचार में से है, जबकि इसके विपरीत वादा तोड़ना निंदनीय है। info

• إن الملائكة رسل الله بالوحي لا تنزل على أحد من الأنبياء والرسل من البشر إلا بأمر الله.
• फ़रिश्ते वह़्य के साथ अल्लाह के दूत हैं। वे अल्लाह की आज्ञा के बिना किसी भी मानव नबी अथवा रसूल पर नहीं उतरते हैं। info